Bus politics: राजस्थान कांग्रेस ने कहा, माफी मांगे भाजपा नेता; यूपी सरकार को जारी किए पत्र
Bus politics. सचिन पायलट ने भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक श्रमिकों को राहत देने के लिए कोई नीति नहीं बनाई है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Bus politics. राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बीच बसों को लेकर पॉलिटिक्स जारी है। दो दिन तक श्रमिकों की बसों को यूपी में प्रवेश नहीं देने के मुद्दे को लेकर विवाद चला तो अब कोटा में पढ़ने वाले कोचिंग स्टूडेंट्स की बसों के किराये को लेकर सियासत तेज हो गई। शुक्रवार को राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान और धीरज गुर्जर ने एक साथ जयपुर मे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यूपी सरकार को घेरा। इन नेताओं ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। केंद्र सरकार ने अप्रैल में ही सभी राज्यों को निर्देश दिए थे कि 30 जून तक बसों को फिटनेस और पॉल्युशन सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस की बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट मांगकर केंद्र के निर्देशों की अवहेलना की है, इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। भाजपा के नेताओं को इस मुद्दे पर माफी मांगनी चाहिए।
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने एक यूपी परिवहन निगम के एमडी का एक पत्र भी जारी किया,जिसमें राजस्थान रोडवेज के एमडी से बसों का किराया बताने की बात कही गई थी, जिससे वे भुगतान कर सके। ख्राचरियावास ने एक और पत्र जारी किया जिसमें यूपी सरकार ने अपनी बसें कम होने पर कोटा से स्टूडेंट्स को ले जाने के लिए राजस्थान रोडवेज की बसें मांगी गई थी। उन्होंने कहा कि देश में राजस्थान ऐसी पहली सरकार है, जो श्रमिक बस चला रही है। श्रमिकों को निशुल्क उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है।
पायलट बोले, केंद्र ने श्रमिकों को राहत देने की नीति नहीं बनाई
सचिन पायलट ने भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक श्रमिकों को राहत देने के लिए कोई नीति नहीं बनाई है। श्रमिक सड़कों पर पैदल भूखा प्यास चल रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने संवेदनशीलता दिखाते हुए 1000 बसें भेजीं, लेकिन यूपी सरकार ने इसमें बाधाएं डालीं। बसों को एंट्री नहीं दी। पहले कहा कि बसें लखनऊ भेजो। बसें बॉर्डर पर भेज दी तो कभी फिटनेस तो कभी कुछ कहकर अड़ंगे लगाए। पायलट ने यूपी से श्रमिकों की वापसी और बस के मुद्दे को लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरा। योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके कहा था कि प्रियंका गांधी बसें भेजेंगी तो अनुमति दे दूंगा, लेकिन बसें भेजने के बाद 1032 बसों को बॉर्डर पर रोक लिया। उन्होंने कहा कि इन बसों का प्रबंध कांग्रेस ने अपने फंड से किया था, इसमें राज्य सरकार का कोई लेनादेना नहीं है।
खाचरियावास ने कहा, झूठ और फरेब की राजनीति बंद करे भाजपा
प्रताप सिंह खाचरियावास ने यूपी से स्टूडेंट्स को कोटा लेने आई बसों पर टू और थ्री व्हीलर्स के नंबर लिखे हुए थे। उन्होंने दावा किया कि यूपी की लिस्ट में बसें टू और थ्री व्हीलर्स के नाम से रजिस्टर्ड है। उन्होंने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के उन आरोपों का खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि कोटा के छात्रों को यूपी भेजने के लिए अशोक गहलोत सरकार ने योगी आदित्यनाथ सरकार से 19 लाख रुपये लिए थे। खाचरियावास ने कहा कि आप झूठ बोल रहे हैं, वे जिन पैसों की बात कर रहे हैं, यह यूपी पथ परिवहन निगम की बसें जब राजस्थान आई तो यूपी राज्य सड़क परिहन निगम के एमडी डॉ. राजशेखर ने हमारे रोडवेज के एमडी नवीन जैन को पत्र लिखा था, जिसमें डीजल डलवाने का आग्रह किया गया था। इस पर हमने उन बसों में डीजल डलवाया था।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने कोटा स्टूडेंट्स को लेने के लिए बसें भेजी थी, लेकिन वे बसें कम पड़ गई तो डॉ. राजशेखर ने फिर राजस्थान रोडवेज के एमडी को पत्र लिखा, जिसमें अतिरिक्त बसें उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया। इस पर बसें उपलब्ध कराई गई तो डॉ. राजशेखर ने 27 अप्रैल को राजस्थान रोड़वेज के एमडी को पत्र लिखकर कहा कि आपके द्वारा कोटा से फतेहपुर सिकरी व झांसी कुछ बसों से स्टूडेंट्स को भेजा गया था, उसका व्यय का विवरण उपलब्ध कराने का कष्ट करें, जिससे भुगतान किया जा सके। खाचरियावास ने यह पत्र ट्वीट भी किया ।
यूपी पीसीसी अध्यक्ष को रिहा करने की मांग
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान व धीरज गुर्जर ने कहा कि कांग्रेस ने 1051 वाहनों की सूची यूपी सरकार को दी थी, जिनमें से 1032 बसें थी। ये बसें कांग्रेसजनों के आर्थिक सहयोग से जुटाई गई थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की।