Rajasthan By Election 2021: बीकानेर और चित्तौड़गढ़ में किसान महापंचायत करेंगे सीएम अशोक गहलोत
Rajasthan By Election 2021 किसान महापंचायतें उन चार विधानसभा क्षेत्रों के पास हो रही हैं जहां उपचुनाव होने वाले हैं। पहली किसान सम्मेलन बीकानेर के डूंगरगढ़ में पिलानियोन की ढाणी में होगी जबकि दूसरी महापंचायत चित्तौड़गढ़ के मातृकुंडिया में होगी।
जयपुर, प्रेट्र। Rajasthan By Election 2021: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत प्रदेश के बीकानेर और चित्तौड़गढ़ जिलों में दो किसान महापंचायत करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस संबंध में सीएम गहलोत और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बैठक की। शनिवार को किसान महापंचायतें उन चार विधानसभा क्षेत्रों के पास हो रही हैं, जहां उपचुनाव होने वाले हैं। पहली 'किसान सम्मेलन' बीकानेर के डूंगरगढ़ में पिलानियोन की ढाणी में होगी, जबकि दूसरी महापंचायत चित्तौड़गढ़ के मातृकुंडिया में होगी। डूंगरगढ़ में पहली महापंचायत चूरू के सुजानगढ़ के करीब है, जबकि मातृकुंडिया में दूसरी महापंचायत होगी। यह वल्लभनगर (उदयपुर), राजसमंद और सहारा (भीलवाड़ा) निर्वाचन क्षेत्रों के पास है। वल्लभनगर (उदयपुर), सुजानगढ़ (चूरू), सहारा (भीलवाड़ा) और राजसमंद में उपचुनाव होने हैं। सत्तारूढ़ विधायकों के निधन के कारण कांग्रेस शासित राज्य की चार सीटों के लिए उपचुनाव होने वाले हैं। पहले तीन सीटें कांग्रेस और एक (राजसमंद) भाजपा के पास थी।
कांग्रेस और भाजपा के लिए चुनौती होंगे उपचुनाव
राजस्थान में अब चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होगा। तीन सीटें पहले से ही खाली थी, चौथी सीट अभी हाल ही में खाली हो गई। वल्लभनगर सीट से कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत का निधन हो गया। वे लीवर की समस्या से पीड़ित थे। निधन के बाद उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। प्रदेश में तीन माह में तीन कांग्रेस और एक भाजपा विधायक का निधन हुआ है। उम्मीद है कि मार्च के अंतिम सप्ताह तक चुनाव आयोग चारों सीटों पर उप चुनाव की घोषणा करेगा। कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए उप चुनाव बड़ी चुनौती है। सबसे बड़ी चुनौती सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए है। उप चुनाव जीतना गहलोत की प्रतिष्ठा का सवाल होगा।
अशोक गहलोत-सचिन पायलट व वसुंधरा राजे और सतीष पूनिया में चल रही है खींचतान
कांग्रेस में जहां पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमा उप चुनाव में हार-जीत को गहलोत के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगा। यह साफ है कि उप चुनाव में जो भी परिणाम आएगा, वह वह गहलोत के खाते में जाएगा। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की प्रतिष्ठा भी इस उप चुनाव से जुड़ी हुई रहेगी। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खेमे की पूनिया के साथ पटरी नहीं बैठ पा रही है। दोनों के बीच खींचतान चल रही है। यदि चुनाव में हार होती है तो वसुंधरा खेमा इसे पूनिया के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकता है। उल्लेखनीय है कि अब तक अक्टूबर में सहाड़ा से कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी, नवंबर में सुजानगढ़ से तत्कालीन सामाजिक न्याय व अधिकारता मंत्री भंवरलाल मेघवाल व राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी का निधन हो चुका है।
दोनों ही पार्टियों के समीकरणों में होगा असर
विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 107 से कम होकर 104 रह गई। कांग्रेस विधायकों की संख्या 104, भाजपा के 71, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3, 13 निर्दलीय, विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या अब 107 से घटकर 104 रह गई है। विधानसभा में कांग्रेस के विधायक 104, भाजपा के 71,आरएलपी के 3, निर्दलीय 13 व सीएम के दो विधायक हैं। इसके साथ ही सीपीएम के 2 और भारतीय ट्राइबल पार्टी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 2-2 विधायक हैं। सीपीएम के 2, बीटीपी के 2 और आरएलडी का एक विधायक है। सत्तारूढ़ दल के नेताओं का मानना है कि कांग्रेस के अंदरूनी सत्ता समीकरण भी तय करेंगे। अगर चार सीटों पर कांग्रेस जीतती है तो सीएम मजबूत होंगे। अगर कांग्रेस हारी तो सरकार के कामकाज और सीएम पर सवाल उठेंगे। तीन कांग्रेस विधायकों में शक्तावत, मेघवाल और त्रिवेदी की मौत हुई है। ये तीनों ही पायलट की बगावत के समय उनके साथ थे।