Rajasthan: अशोक गहलोत बोले, खतरे में डेमोक्रेसी, मुल्क चिंतित
Ashok Gehlot अशोक गहलोत ने कहा कि स्पीक अप फार डेमोक्रेसी प्रोग्राम जो चलाया गया इसके मायने हैं इसका अपना संदेश है उसको एक तरफ आम जनता को भी समझना पड़ेगा।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Ashok Gehlot: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा है कि आज पूरा मुल्क चिंतित है, क्योंकि डेमोक्रेसी खतरे में है। कांग्रेस के स्पीक फॉर डेमोक्रेसी अभियान के तहत एक संदेश में गहलेात ने कहा कि यह प्रोग्रमा चलाया गया है, इसके मायने हैं। इसका अपना संदेश है। उसको एक तरफ आम जनता को समझना पड़ेगा ओर दूसरी तरफ हुकूमत में है उनको भी समझाना पड़ेगा। आज जिस प्रकार का माहौर देश के अंदर है, वह चिंता जनक है। इस बीच, राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग को लेकर एक तरफ जहां कांग्रेस देशभर में राजभवनों पर प्रदर्शन करेगी। वहीं राजस्थान के माध्यम से पार्टी ने रविवार रात रणनीति बदल दी।
राजस्थान में अब राजभवन के बाहर प्रदर्शन नहीं होगा, सभा होगी
राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा रविवार दोपहर में प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव स्वरूप व पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र यादव बुलाकर राजभवन की सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश देने व दो दिन पहले कांग्रेस विधायकों के राजभवन लॉन में धरना देने को लेकर नाराजगी जताए जाने के बाद पार्टी ने तय किया है कि जयपुर में राजभवन के बाहर प्रदर्शन नहीं होगा। राजस्थान के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक सभा फेयरमाउंट होटल में होगी,जहां विधायक ठहरे हुए हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटसरा ने ट्वीट कर कहा कि देशभर में राजभवनों के बाहर प्रदर्शन किए जाएंगे, लेकिन राजस्थान के राजभवन पर प्रदर्शन करने के बजाय होटल में सभा होगी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने राज्यपाल को रिवाइज्ड नोट भेज दिया है, अब उम्मीद है वे जल्द ही विधानसभा बुलाने की अनुमति देंगे।ल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आमने-सामने हैं। अशोक गहलोत मंत्रिमंडल ने शनिवार को आधी रात बाद 31 जुलाई से राज्य विधानसभा का सत्र बुलाने का नया प्रस्ताव राजभवन भेजा है। इस प्रस्ताव को सात दिन के नोटिस के साथ भेजा गया है।
राज्यपाल से आग्रह किया गया है कि सात दिन के नोटिस के साथ विधानसभा सत्र बुलाया जाए। विधानसभा सत्र बुलाने के कारणों में कोरोना महामारी पर विशेष चर्चा और छह विधेयक पारित कराना बताया गया है। हालांकि इसमें बहुमत साबित करने का कोई जिक्र नहीं है। सूत्रों ने बताया कि गहलोत ने शनिवार शाम को मंत्रिमंडल से प्रस्ताव का अनुमोदन करा लिया था और फिर देर रात तक कानूनविदों से चर्चा की गई और उसके बाद सरकार ने राजभवन प्रस्ताव भेजा है। विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह बिजनेस एडवाइजरी कमेटी तय करती है, लेकिन फिलहाल हम छह बिल विधानसभा में पेश करेंगे।