Coronavirus: अशोक गहलोत बोले, कोरोना की स्थिति खतरनाक; पीएम मोदी को रद करनी चाहिए राजनीतिक रैलियां
Coronavirus शोक गहलोत ने ट्वीट में लिखा कि प्रधानमंत्री को अब अपने राजनीतिक कार्यक्रमों रैलियों और रोड शो को रोक देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले की तरह पीएम नरेंद्र मोदी को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से स्थिति जानने के लिए नियमित संपर्क करना चाहिए।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Coronavirus: कांग्रेस कार्यसमिति की शनिवार को हुई बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कार्यसमिति सदस्य व पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावी रैलियों की जगह अब कोरोना के नियंत्रण पर ध्यान देना चाहिए। राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात करनी चाहिए। गहलोत ने कहा कि अब कोई पार्टी चुनावी सभा नहीं करे और कोरोना के नियंत्रण पर ध्यान देना चाहिए। कोरोना नियंत्रण के लिए 18 साल तक के लोगों के वैक्सीनेशन कराए जाने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन झूठ बोल रहे हैं।
राज्यों के पास वैक्सीन के पर्याप्त स्टॉक की बात झूठ है। वैक्सीन में भेदभाव हो रहा है। बचाव और मैनेजमेंट में राजस्थान सरकार किसी भी स्तर पर कमी नहीं रखेगी। राहुल गांधी ने न्याय योजना का कंसेप्ट दिया था, कोविड जैसी महामारी में अब न्याय योजना की जरूरत है। केंद्र सरकार को न्याय योजना लागू करते हुए वंचित लोगों के खातों में पैसे डालना चाहिए। वहीं, मीणा ने कहा कि देश में जब पहली लहर में 350 केस आए थे तो प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन लगाकर लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया था। दूसरी लहर में भयंकर महामारी फैलने की आशंका है, तब चुनावी लाभ लेने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियां हो रही हैं। पिछले साल तब्लीगी जमात ने छोटा सा जलसा किया था तो संक्रमण फैलाने का जिम्मा उन पर डाल दिया था। अब उत्तराखंड सरकार मेजबान बनकर लाखों लोगों को कुंभ स्नान को बुला रही है। अगर हम कुंभ और तब्लीगी जमात की तुलना करें तो चींटी आौर हाथी जैसी बात है।
सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर साधा निशाना
कार्यसमिति की बैठक के साथ ही गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि देशभर में कोविड की स्थिति खतरनाक रूप ले चुकी है। अब यह वायरस युवाओं और बच्चों में भी तेजी से फैल रहा है। प्रधानमंत्री को अब अपने राजनीतिक कार्यक्रम, रैलियां और रोड शो पूरी तरह से बंद कर देने चाहिए। साथ ही, पहले की तरह राज्यों के मुख्मयंत्रियों के साथ स्थिति जानने के लिए नियमित संपर्क बनाना चाहिए।