Rajasthan: सीएम अशोक गहलोत ने लांच किया जन आधार कार्ड
Jan Aadhar Card. गहलोत ने निरोगी राजस्थान अभियान और जन आधार कार्ड का संदेश घर-घर पहुंचाने पर बल देते हुए कहा कि हमारा मकसद प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को निरोगी रखना है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Jan Aadhar Card. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए "जन आधार कार्ड" लांच किया है। सीएम गहलोत ने बुधवार को एक समारोह में इस कार्ड को लांच करते हुए कहा कि पिछली भाजपा सरकार के समय में चलाई जा रही भामाशाह योजना में भ्रष्टाचार हो रहा था, इस कारण सरकार ने जन आधार कार्ड योजना शुरू की है। जनाधार कार्ड महिला के नाम से बनेगा। इस कार्ड में परिवार के प्रत्येक सदस्य को जोड़ा जाएगा।
राशन सामग्री, नि:शुल्क दवा, सरकार से मिलने वाली पेंशन, ई-कॉमर्स, बीमा सुविधाओं का लाभ इसी कार्ड के माध्यम से मिल सकेगा। इसके तहत प्रत्येक परिवार को 10 अंक की पहचान संख्या वाला जन आधार कार्ड दिया जाएगा। परिवार में 18 साल या इससे अधिक उम्र की महिला को इसका मुखिया बनाया जाएगा। गहलोत ने जन आधार कार्ड को आम लोगों के लिए फायदेमंद बताया। गहलोत ने निरोगी राजस्थान अभियान और जन आधार कार्ड का संदेश घर-घर पहुंचाने पर बल देते हुए कहा कि हमारा मकसद प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को निरोगी रखना है।
गहलोत ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सहज उपलब्ध कराना और राजस्थान को रोग मुक्त बनाना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारा प्रयास है कि स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में राजस्थान देश का सिरमौर राज्य बने। इसके लिए निरोगी राजस्थान अभियान एवं जनता क्लिनिक जैसे कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। गहलोत ने कहा कि जनता क्लिनिक योजना के तहत जयपुर में 12 और जोधपुर में 3 क्लिनिक खोले जाएंगे। गहलोत ने इंदिरा प्रियदशर्नी योजना का भी शुभारंभ किया। इस योजना से बालिका शिक्षा से जुड़े विषयों को शामिल किया गया है।
ऑनलाइन परिवाद दर्ज हो सकेंगे
सीएम गहलोत ने कहा कि अब किसी भी व्यक्ति को परिवाद दर्ज कराने के लिए पुलिस थानों में चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब घर बैठे ही परिवार दर्ज कराया जा सकेगा। एक जनवरी से परिवाद दर्ज कराने का काम ऑनलाइन किया जाएगा। इससे परिवादियों के समय और धन दोनों की बचत होगी। परिवाद ऑनलाइन होने से पुलिस के पास भी एक डेटाबेस तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस थानों में एफआइआर दर्ज नहीं होने पर पुलिस अधीक्षक कार्यालयों में दर्ज कराने की व्यवस्था की गई है।
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