राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कांग्रेसियों को संदेश, मैं ही रहूंगा मुख्यमंत्री
राजनीति के चतुर खिलाड़ी माने जाने वाले गहलोत ने विधायकों एवं कांग्रेस के नेताओं को संकेतों में ही खुद के पूरे पांच साल मुख्यमंत्री बने रहने का संदेश दिया है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। संकेत और संदेश की राजनीति करने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने विश्वस्तों को साफ संदेश दिया है कि प्रदेश में किसी भी प्रकार का नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा। राजनीति के चतुर खिलाड़ी माने जाने वाले गहलोत ने विधायकों एवं कांग्रेस के नेताओं को संकेतों में ही खुद के पूरे पांच साल मुख्यमंत्री बने रहने का संदेश दिया है।
अलग-अलग नेताओं को अलग-अलग तरह से यह संदेश दिया गया है। कुछ कांग्रेसियों को दिल्ली के केंद्रीय नेताओं के माध्यम से गहलोत के ही पद पर बने रहने को लेकर संदेश पहुंचाया गया है तो कुछ नेताओं को खुद गहलोत ने अपने ही तरीके से सत्ता पर काबित रहने का संकेत दिया है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सभी 25 सीटों पर हार के बाद उप मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट समर्थक मंत्री,विधायक और पार्टी पदाधिकारी हार के लिए सीएम को जिम्मेदार ठहरा रहे थे। विधायक पी.आर.मीणा एवं हनुमानगढ़ जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के.सी.विश्नोई ने तो सीएम के इस्तीफे तक की मांग की थी। इन दोनों नेताओं ने पार्टी लाइन से बाहर जाकर मीडिया में सीएम का इस्तीफा मांगे जाने को लेकर बयान दिया।
हालांकि मीणा को इस मामले में पार्टी आलाकमान ने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। उधर विरोधियों को संदेश देने के लिहाज से ही गुरूवार को अचानक गहलोत मुख्यमंत्री के अधिकारिक आवास में शिफ्ट हो गए। गुरूवार को महाराणा प्रताप जयंती का सरकारी अवकाश होने के बावजूद उन्होंने वित्त एवं कार्मिक विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। दो दिन तक लगातार आम कार्यकर्ताओं से मिले। यह सब गहलोत का अपने विरोधियों को एक तरह का संदेश माना जा रहा है कि वे ही सीएम रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अधिकारिक मुख्यमंत्री निवास में नहीं रही थी। वे पूरे पांच साल एक अलग सरकारी घर में रही। इस दौरान मुख्यमंत्री निवास विरान पड़ा रहा। अब करीब 5 साल 7 माह बाद राजस्थान का मुख्यमंत्री निवास अब गुलजार हो गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरूवार को अधिकारिक तौर पर सीएम आवास में शिफ्ट हो गए।
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