Move to Jagran APP

राजस्थान में 32 लाख किसानों की जमीन बैंकों के पास गिरवी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करीब दस दिन पूर्व किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की थी,लेकिन अभी तक प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 01 Jan 2019 01:07 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jan 2019 02:35 PM (IST)
राजस्थान में 32 लाख किसानों की जमीन बैंकों के पास गिरवी
राजस्थान में 32 लाख किसानों की जमीन बैंकों के पास गिरवी

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के 32 लाख किसानों की जमीन व्यावसायिक बैंकों के पास गिरवी रखी हुई है। व्यावसायिक बैंक किसान की जमीन गिरवी रखने के बाद ही लोन देता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करीब दस दिन पूर्व किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। किसानों के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ होने से सरकार पर करीब 18 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक भार पड़ेगा। एक तरफ सीएम ने कर्ज माफी की घोषणा की, वहीं दूसरी तरफ बैंकों ने किसानों को खरीफ की फसल के लिए लोन देने से मना करना शुरू कर दिया है।

prime article banner

अभी तक शुरू नहीं हुई कर्ज माफी की प्रक्रिया
सीएम ने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए दो लाख रुपये तक किसानों की कर्ज माफी की घोषणा तो कर दी, लेकिन कर्ज माफ करने की प्रक्रिया क्या रहेगा और किन-किन किसानों के कैसे-कैसे कर्ज माफ होंगे, इसको लेकर प्रक्रिया अब तक नहीं हुई है। सीएम ने इसके लिए मंत्रियों की समिति तो बना दी, लेकिन इसकी एक भी बैठक नहीं हुई है।

वित्त एवं सहकारिता विभाग की पड़ताल में सामने आया कि सहकारी बैंक का करीब साढ़े नौ हजार करोड़ और भूमि विकास बैंक के करीब ग्यारह सौ करोड़ रुपये किसानों पर बकाया है। बैंक ने पहले ही 2200 करोड़ का लोन एनसीडीसी से ले रखा है। सहकारी बैंकों की तरह लाखों किसानों ने व्यावसायिक बैंक, ग्रामीण बैंक व ग्रामीण क्षेत्र में संचालित अन्य बैंकों से भी लोन ले रखा है। करीब 24 लाख किसानों ने 21 राष्ट्रीयकृत बैंकों से और करीब सात लाख किसानों ने निजी बैंकों से लोन ले रखा है। इसी तरह साढ़े सात हजार किसानों ने ओवरसीज बैंकों से लोन लेखा है। इन सभी की जमीन बैंकों के पास गिरवी है।

चार फसल बाद भी लोन चुकता नहीं तो एनपीए
व्यावसायिक बैंक किसान क्रेडिट कार्ड के आधार पर दो फसल के लिए लोन देती है। विशेष परिस्थिति पर दो फसल बाद लोन चुकता नहीं करने पर दो फसल का समय और दिया जाता है, फिर भी लोन नहीं चुकता होने पर उसे एनपीए में शामिल किया जाता है। उस खाते में ब्याज जुडऩा बंद कर वसूली की कार्रवाई शुरू होती है। कृषि ऋण के मामले में यह वसूली का अधिकार बैंकों की बजाय तहसीलदार व उससे ऊपर के राजस्व अफसरों के पास होता है।

प्रति किसान 1.69 लाख का कर्ज
राजस्थान स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक 58 लाख से अधिक किसान कर्जदार है। औसतन प्रति किसान पर 1.69 व्यावयासिक बैंकों से 32 लाख से अधिक किसानों ने लोन ले रखा है। यह कर्ज औसतन दो लाख बीस हजार रुपये प्रति किसान पर है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK