राजस्थान बोर्ड परीक्षाएं अगले माह से, 32 लाख परीक्षार्थी होंगे शामिल
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सचिव श्रीमती मेघना चौधरी ने कहा है कि बोर्ड की परीक्षाओं से राज्य के 32 लाख परीक्षार्थियों का भविष्य और प्रदेश के 1 करोड़ अभिभावकों की भावनाएं जुड़ी हैं।
अजमेर, जेएनएन। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सचिव श्रीमती मेघना चौधरी ने कहा है कि बोर्ड की परीक्षाओं से राज्य के 32 लाख परीक्षार्थियों का भविष्य और प्रदेश के 1 करोड़ अभिभावकों की भावनाएं जुड़ी हैं। इसलिए यह परीक्षा आयोजन संवेदनशील है। इसमें छोटी सी चूक लाखों विद्यार्थियों के भविष्य को प्रभावित करती हैं।
राजस्थान बोर्ड 32 लाख परीक्षार्थियों के परीक्षा आयोजन के इस चुनौतीपूर्ण कार्य को अगले माह करने जा रहा है। यह परीक्षा विद्यार्थियों की नहीं अपितु बोर्ड और शिक्षा विभाग की भी है और शिक्षा विभाग इसे ‘‘मिशन परीक्षा’’ के रूप में लें। राजस्थान बोर्ड की परीक्षाओं की राष्ट्रव्यापी ख्याति है और प्रदेश के शिक्षकों का दायित्व है कि श्रेष्ठ बोर्डों में गिना जाने वाला राजस्थान बोर्ड देश का श्रेष्ठतम बोर्ड बने।
उल्लेखनीय है कि बोर्ड की 7 मार्च से प्रारम्भ होने वाली सीनियर सैकण्डरी और 14 मार्च से प्रारम्भ होने वाली सैकण्डरी परीक्षाओं में 20 लाख 14 हजार 886 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। आठवीं बोर्ड की पात्रता परीक्षा में 12 लाख से भी अधिक परीक्षार्थी पंजीकृत किये गये है।
श्रीमती चौधरी बुधवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के राजीव गांधी भवन में बोर्ड की आगामी माह होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में राज्य के माध्यमिक शिक्षा विभाग के समस्त शिक्षा संयुक्त निदेशकों, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) और सन्दर्भ व्यक्तियों की बैठक को सम्बोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारियों की महती जिम्मेदारी है कि वे प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च महत्व दे। प्रश्न-पत्रों को सुरक्षित रखना, उन्हें सुरक्षात्मक रूप से परीक्षा केन्द्र तक पहुंचना और उनका परीक्षार्थियों को वितरण भलीभांति हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारी प्रत्येक बोर्ड परीक्षा केन्द्रों को संवेदनशील मानकर चले। उड़नदस्तों में निष्पक्ष और योग्य व्यक्तियों को लगाया जाये। परीक्षा में संवेदनशीलता को लेकर कहीं कोई कमी नजर आये तो प्रशासन को सूचित करें। उन्होंने उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों का भी आह्वान किया कि विद्यार्थियों के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए मेहनत और गहनतापूर्वक उत्तरपुस्तिकायें जांचे। सूचना के अधिकार वाले इस युग में विद्यार्थी अपनी उत्तरपुस्तिका की छायाप्रति प्राप्त कर उसमें रही त्रुटि को जब समाज के सामने उजागर करेगा तो समूचे शिक्षक वर्ग की गरिमा को ठेस पहुँचेगी, ऐसी स्थिति से बचे।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष बोर्ड ने प्रायोगिक परीक्षाओं के आयोजन के प्रति कड़ा रूख अख्तियार किया है। परीक्षा मानकों से खिलवाड़ करने वाले परीक्षा केन्द्रों की परीक्षायें निरस्त कर दी गई है। उन्होंने कहा कि बोर्ड मुख्य परीक्षाओं में भी किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं करेगा और छोटी चूक को भी गंभीरता से लिया जायेगा। परीक्षा आयोजन की कड़ी में छोटी सी चूक से पूरी परीक्षा व्यवस्था चरमरा सकती है।
बोर्ड की विशेषाधिकारी (परीक्षा) श्रीमती प्रिया भार्गव ने कहा है कि वर्तमान समय में प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। किसी भी परीक्षा केन्द्र पर गलत प्रश्न-पत्र खुलने से लाखों विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, इसलिए शिक्षक प्रश्न-पत्र खोलने में विशेष सावधानी बरते।
बोर्ड के निदेशक (गोपनीय) जी.के. माथुर ने कहा कि बोर्ड इस वर्ष वीडियोग्राफी व्यवस्था को मजबूत करेगा। इसके तहत् परीक्षा केन्द्र पर पेपर खोलने, परीक्षा संचालन, परीक्षा समाप्ति पर उत्तरपुस्तिका की पैकिंग तक की सम्पूर्ण व्यवस्था का फिल्मांकन किया जायेगा। बोर्ड के सभी उत्तरपुस्तिका संग्रहण एवं वितरण केन्द्र भी वीडियोग्राफी की जद में रहेंगे।
वित्तीय सलाहकार श्रीमती आनन्द आशुतोष ने परीक्षा से जुडे भुगतानों के संबंध में इस वर्ष से प्रारम्भ की गई नई आनलाइन व्यवस्था पर पावर प्रजेन्टेशन दिया। उन्होंने कहा कि बोर्ड का ध्येय है कि शिक्षा से जुड़े मानदेयों का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर हो परन्तु कई बार अधूरी जानकारी प्रस्तुत करने के कारण भुगतान में विलम्ब होता है, इसलिए बोर्ड ने इस परेशानी का दृष्टिगत रखते हुए परीक्षा के जुडे मानदेयों को ऑनलाइन आवेदन भरवाकर सीधा बैंक खातों में ऑनलाइन भुगतान करने का निर्णय लिया है। बैठक का संचालन उपनिदेशक (जनसम्पर्क) राजेन्द्र गुप्ता ने किया।