Move to Jagran APP

Rajasthan: भाजपा ने जारी किए उप्र सीमा पर खड़ी खाली बसों के तीन वीडियो

Rajasthan BJP. वीडियो में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में प्रवेश के लिए भेजी गई ज्यादातर बसें खाली हैं। इनमें श्रमिक हैं ही नहीं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 10:04 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 10:04 PM (IST)
Rajasthan: भाजपा ने जारी किए उप्र सीमा पर खड़ी खाली बसों के तीन वीडियो
Rajasthan: भाजपा ने जारी किए उप्र सीमा पर खड़ी खाली बसों के तीन वीडियो

राज्य ब्यूरो, जयपुर। Rajasthan BJP. राजस्थान के प्रवासी श्रमिकों को बसों से उत्तर प्रदेश भेजे जाने के विवाद के बीच बुधवार को राजस्थान भाजपा ने बसों के तीन वीडियो जारी किए। वीडियो में उत्तर प्रदेश सीमा पर खड़ी राजस्थान की ये बसें पूरी तरह खाली नजर आ रही हैं। इनके ड्राइवर यह कहते नजर आ रहे हैं कि हमें अलवर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने भेजा है। राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस तरह के तीन वीडियो जारी किए हैं। उनका दावा है कि यह भरतपुर में ऊंचा नांगला नामक उसी स्थान के वीडियो हैं, जहां कांग्रेस अपनी बसें खड़ी होने का दावा कर रही है।

loksabha election banner

वीडियो में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में प्रवेश के लिए भेजी गई ज्यादातर बसें खाली हैं। इनमें श्रमिक हैं ही नहीं। ज्यादातर स्कूल बसें हैं और सरकार ने दबाव डाल कर ये बसें भेजी हैं। ड्राइवर बोल रहा-खाली आई बसें एक वीडियो में एक बस का ड्राइवर यह कहता नजर आ रहा है कि वह अलवर से आया है और उसकी बस पूरी तरह से खाली आई है। ड्राइवर का कहना है कि अलवर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकरी ने कहा था कि भरतपुर से चक्कर लगाकर वापस आना है। यहां आए 36 घंटे से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन कोई खाने के लिए भी नहीं पूछ रहा है।

प्रियंका को खुश करने के लिए श्रमिकों के नाम पर मजाक

पूनिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह वीडियो बुधवार को ही दिन में बनाए गए हैं और कांग्रेस की सचाई सामने ला रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस ओछी राजनीति कर रही है और प्रियंका गांधी को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री गहलोत श्रमिकों के नाम पर मजाक कर रहे हैं।

वहीं, राज्य विस में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान में सरकार ने प्रवासियों को वापस लाने का श्रेय लेने की कोशिश तो की है, लेकिन हकीकत यह है कि सरकार के प्रयास से अब तक सिर्फ 40 हजार के आसपास प्रवासी वापस आ पाए हैं, जबकि यहां से इससे कहीं ज्यादा संख्या में लोगों को दूसरे राज्यों में भेजा गया है। यानी सरकार की रूचि प्रवासियों को वापस लाने में नहीं है।

वहीं, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने कहा कि अंतरराज्यीय परमिट के बिना बसों का आवागमन संभव नहीं है। इसके बावजूद कांग्रेस उत्तर प्रदेश सीमा पर बसें भेजने का नाटक कर रही है। उन्होंने कहा कि इन बसों की फिटनेस तक नहीं है। ऐसे में श्रमिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.