Rajasthan: फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में जम्मू-कश्मीर कैडर के आइएएस राजीव रंजन से पूछताछ करेगी राजस्थान एटीएस
Rajasthan ATS. राजीव रंजन को नोटिस भेजे जाने के साथ ही जम्मू पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को भी पत्र भेजा जाएगा।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan ATS. फर्जी हथियार लाइसेंस मामले की जांच कर रही राजस्थान एटीएस जम्मू-कश्मीर कैडर के आइएएस अधिकारी राजीव रंजन को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाएगी। राजीव रंजन जम्मू मेट्रो रेल कॉरपोरेशन में कार्यरत हैं। राजीव रंजन को नोटिस भेजे जाने के साथ ही जम्मू पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को भी पत्र भेजा जाएगा। इस पत्र के माध्यम से राजीव रंजन को राजस्थान एटीएस के समक्ष पूछताछ के लिए भेजने का आग्रह किया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस बारे में राज्य के पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र यादव और एटीएस महानिदेशक अनिल पालीवाल की चर्चा हुई है।
गौरतलब है कि करीब पांच साल तक देशभर में चले फर्जी हथियार लाइसेंस मामले का पर्दाफाश राजस्थान एटीएस ने 2017 में किया था। एटीएस ने यह राज उजागर किया था कि जम्मू-कश्मीर और नगालैंड से करीब पांच हजार फर्जी हथियार लाइसेंस बने हैं। इन्हें बनवाने वाले गिरोह का सरगना अजमेर निवासी मोहम्मद उस्मान है । मोहम्मद उस्मान ने आइएएस अधिकारी राजीव रंजन के भाई कुमार ज्योति रंजन के माध्यम से जम्मू-कश्मीर से बड़ी संख्या में फर्जी हथियार लाइसेंस बनवाए थे ।
राजीव रंजन के कुपवाड़ा में डीसी पद पर तैनात रहते हुए कुमार ज्योति रंजन ने फर्जी हथियार लाइसेंस बनवाए थे। इस मामले में मोहम्मद उस्मान से हुई पूछताछ में सामने आया था कि उसने लाइसेंस बनवाने के बदले कुमार ज्योति रंजन के बैंक खाते में 42 लाख रुपये कई किस्तों में जमा कराए थे। मोहम्मद उस्मान और उसका बेटा जुबेर दो बार राजीव रंजन से मिले भी थे। राजीव रंजन ने जम्मू-कश्मीर के कई अधिकारियों से उनका परिचय कराया था,जिनके माध्यम से फर्जी लाइसेंस बनवाए गए थे।
एटीएस ने चलाया था ऑपरेशन जुबैदा
अजमेर के मोहम्मद उस्मान की अगुवाई में पूरे देश में फर्जी हथियार लाइसेंस गिरोह सक्रिय होने की खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद एटीएस के तत्कालीन अतिरिक्त महानिदेश उमेश मिश्रा की अगुवाई में ऑपरेशन जुबैदा चलाया गया था। इसी ऑपरेशन में राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात और हरियाणा के पांच हजार लोगों के हथियार लाइसेंस जम्मू-कश्मीर एवं नगालैंड के विभिन्न जिलों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्थानीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से बनाए जाने की बात सामने आई थी । पिछले साल राज्य के गृह विभाग ने सीबीआइ को इस मामले की जांच के लिए लिखा था।
सीबीआइ अब इस मामले की जांच कर रही है। राज्य एटीएस चाहती है कि यदि राजीव रंजन से पूछताछ करने का उसे अवसर मिले तो कई बड़े राज उजागर हो सकते हैं। एटीस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनिल पालीवाल ने कहा कि फर्जीवाड़ा कर बने हथियार लाइसेंस कई राज्यों में पहुंचे थे ।कुछ आरोपितों के खिलाफ चालान पेश कर दिया गया । अब तक 55 लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।