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Rajasthan: बाल विवाह निरस्ती में राजस्थान बना सिरमौर

Child Marriage In Rajasthan. राजस्थान में बाल विवाह के कलंक को मिटाने के लिए सरकार और गैर सरकारी संगठन भी भरसक प्रयास कर रहे हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 01:29 PM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 01:29 PM (IST)
Rajasthan: बाल विवाह निरस्ती में राजस्थान बना सिरमौर
Rajasthan: बाल विवाह निरस्ती में राजस्थान बना सिरमौर

जोधपुर, संवाद सूत्र। Child Marriage In Rajasthan. एक समय था जब बाल विवाह का नाम आते ही सभी की नजरें राजस्थान की ओर होती थीं और प्रदेश को देशभर में शर्मिंदगी झेलना पड़ती थी। सरकारी प्रयासों के बावजूद प्रदेश में बाल विवाह रोकने में कामयाबी नहीं मिल रही थी, लेकिन बीते कुछ सालों में ही राज्य बाल विवाह निरस्त कराने के मामले में सिरमौर बन गया है। इसकी वजह है बाल विवाह निरस्त करने के कानून का सख्ती से पालन करना है। देशभर में कुल 47 बाल विवाह निरस्त किए गए हैं। 'बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006' के तहत अकेले राजस्थान में ही 43 विवाह निरस्त हुए हैं। दर्जनों रद होने की प्रक्रिया में हैं।

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देश की जनगणना-2011 के मुताबिक, करीब 1.21 करोड़ बाल विवाह की बे़ड़ियों में जकड़े हुए हैं। इसमें करीब 57 फीसद लड़के और 43 फीसद लड़कियां बाल विवाह का दंश झेल रही हैं। राजस्थान में बाल विवाह के कलंक को मिटाने के लिए सरकार और गैर सरकारी संगठन भी भरसक प्रयास कर रहे हैं। सूर्यनगरी जोधपुर का सारथी ट्रस्ट भी इसमें अहम भूमिका निभा रहा है।

पहला विवाह जोधपुर का हुआ था निरस्त 

बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम लागू होने के बाद देश में बाल विवाह निरस्ती की पहली कार्रवाई राजस्थान के जोधपुर में ही हुई थी। देश और प्रदेश में सर्वाधिक बाल विवाह जोधपुर में ही निरस्त हुए हैं। जोधपुर में 40 विवाह निरस्त हुए हैं।

लिम्का बुक में दर्ज हुआ जोधपुर का रिकॉर्ड

देश का पहला बाल विवाह जोधपुर में निरस्त होने का रिकॉर्ड लिम्का बुक ऑफ रिकॉ‌र्ड्स में शामिल किया गया है। वहीं, वर्ष 2015 में जोधपुर पारिवारिक न्यायालय से महज तीन दिन की न्यायिक प्रक्रिया से विवाह निरस्त करवाने की मुहिम भी व‌र्ल्ड रिकॉ‌र्ड्स इंडिया, यूनिक व‌र्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुई हैं। जन चेतना से जुड़ा बाल विवाह निरस्ती विषय सीबीएसइ की पुस्तकों में भी शामिल किया जा चुका है।

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कई सालों से राजस्थान बाल विवाह को लेकर शर्मसार होता रहा है। अब इसी कलंक को मिटाने के लिए बाल विवाह निरस्ती एक मुहिम बन गई है।

-डॉ.कृति भारती, मैनेजिंग ट्रस्टी सारथी ट्रस्ट, जोधपुर।

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फैक्ट फाइल

-15 साल से कम उम्र की सात फीसद लड़कियों का देश में बाल विवाह।

-18 साल से कम उम्र की 27 फीसद लड़कियों का बाल विवाह हो जाता है।

-18 साल से कम उम्र के चार फीसद लड़कों का बाल विवाह होता है।

-विश्व की तीन में से एक बालिका वधु भारत में रहती है।

-राजस्थान में 36 फीसद बालिकाओं का विवाह 18 साल की वैधानिक उम्र से पहले होता है।

-राजस्थान में 6.3 फीसद बालिका वधुएं 18 साल से कम उम्र में मां बन जाती हैं।

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