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सीमा पर कट्टरपंथी इस्लामिक गतिविधियों बढ़ी, सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी

राजस्थान से सटी भारत-पाक सीमा पर कट्टरपंथी इस्लामिक गतिविधियों की बढ़ती सक्रियता ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 12:55 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 05:02 PM (IST)
सीमा पर कट्टरपंथी इस्लामिक गतिविधियों बढ़ी, सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी
सीमा पर कट्टरपंथी इस्लामिक गतिविधियों बढ़ी, सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान से सटी भारत-पाक सीमा पर कट्टरपंथी इस्लामिक गतिविधियों की बढ़ती सक्रियता ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। ये गतिविधियां आने वाले समय में सुरक्षा बलों के लिए खतरा बन सकती है। इन गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही सीमावर्ती जैसलमेर,बाड़मेर और श्रीगंगानगर जिलों में विशेष निगरानी रखना शुरू किया है।

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स्थानीय लोगों के साथ संवाद कर जागरूक किया जा रहा है कि किसी भी अनजान व्यक्ति के दिखाई दिए जाने पर क्षेत्रीय पुलिस थाने को सूचित करें। इस्लामिक गतिविधियों की बढ़ती सक्रियता को लेकर बीएसएफ और राज्य पुलिस ने उच्च स्तर पर रिपोर्ट भेजी है।

जैसलमेर और बाड़मेर में विशेष निगरानी

बीएसएफ और पुलिस द्वारा उच्च स्तर पर भेजी रिपोर्ट में बताया गया है कि सीमा से सटै जैसलमेर एवं बाड़मेर जिलों में ऐसी गतिविधियां बढ़ी है। इन दोनों जिलों में पिछले कुछ समय से बाहरी लोग आकर इस्लामिक साहित्य वितरित करने के साथ ही युवाओं का मन टटोल रहे है। जैसलमेर जिले को लेकर सुरक्षा एजेंसियां विशेष चौकन्नी हो गई है। जैसलमेर के दक्षिणी हिस्से में कुछ साल पहले तक मस्जिद नहीं थी, जबकि अब सरकारी जमीन पर कई मस्जिदों का निर्माण शुरू हो चुका है। कई पुरानी मस्जिदों को संवारा जा रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जिले में मांडला मस्जिद की गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है। इस मस्जिद में देश के विभिन्न हिस्सें से लोग आ रहे है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक जैसलमेर जिले के नाचना,पोकरण और सम क्षेत्र में मुस्लिम आबादी भी तेजी से बढ़ रही है। इन क्षेत्रों में बाहरी लोग भी आकर बसने लगे है।

पाक जासूसों की गतिविधियों में आई तेजी

पाक सीमा के बिल्कुल निकट और रेतीले धोरों के कारण जैसलमेर में जासूसी की गतिविधियां भी काफी बढ़ी है । रेत के धोरों में रात के अंधेरे का फायदा उठाकर पाक की तरफ से कराई जाने वाली जासूसी गतिविधियों में भी तेजी आई है । सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि पाक जासूसी के साथ ही कट्टरपंथी लोगों को भी सीमावर्ती क्षेत्रों में भेजकर तनाव बढ़ाने जैसी हरकतें कर सकता है । ऐसे तो सीमावर्ती क्षेत्रों में पाक जासूसों को बीएसएफ और पुलिस पकड़ती ही रहती है,लेकिन पिछले डेढ़ साल में पकड़े गए आधा दर्जन लोगों से हुई पूछताछ में सामने आया कि आईएसआई जैसलमेर और बाड़मेर के लोगों को अपने साथ जोड़ने में लगी है।

पिछले डेढ़ साल में पाक के लिए जासूसी करते हुए पकड़े गए हाजी खां,सद्दीक खां,रहमान,नाबिया,दीने खां,संतोष माहेश्वरी और सम्पतराज माहेश्वरी से हुई पूछताछ में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है । पिछले साल दिसंबर में बीएसएफ ने एक अफगान नागरिक को हिरासत में लिया तो उसने कई राज उगले ।

काबुल निवासी मोहम्मद परवेज ने पूछताछ में आईबी को बताया था कि वह टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था और जैसलमेर के इलाकों में दवाएं बेच रहा था। बीएसएफ और पुलिस के अधिकारी इस बारे में अधिकारिक रूप से तो बोलने को तैयार नहीं है,लेकिन अनौपचारिक रूप से रिपोर्ट उच्च स्तर पर भेजे जाने की बात स्वीकारते है ।  


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