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Rajasthan: किरोड़ी लाल मीणा ने समर्थकों सहित दिया धरना, आठवें दिन भी नहीं हो सकी मूक-बधिर पुजारी शंभू शर्मा की अंतेष्टि

Rajasthan भाजपा के राज्यसभा सदस्य डॉ. किरोड़ी लाल मीणा व उनके समर्थक और पुजारी के परिजन शव को लेकर जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास से कुछ दूर सिविल लाइंस फाटक पर दूसरे दिन भी बैठे रहे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 02:17 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 02:17 PM (IST)
Rajasthan: किरोड़ी लाल मीणा ने समर्थकों सहित दिया धरना, आठवें दिन भी नहीं हो सकी मूक-बधिर पुजारी शंभू शर्मा की अंतेष्टि
जयपुर में किरोड़ी लाल मीणा का समर्थकों सहित धरना। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: राजस्थान में दौसा जिले के टिपरी गांव में मूक-बधिर पुजारी शंभू शर्मा की शनिवार को आठवें दिन भी अंतेष्टि नहीं हो सकी। भाजपा के राज्यसभा सदस्य डॉ. किरोड़ी लाल मीणा व उनके समर्थक और पुजारी के परिजन शव को लेकर जयपुर में मुख्यमंत्री निवास से कुछ दूर सिविल लाइंस फाटक पर दूसरे दिन भी बैठे रहे। जयपुर में करीब 36 घंटे तक लकड़ी के बॉक्स में बर्फ के बीच रखे पुजारी के शव को शुक्रवार देर रात दो बजे डीप फ्रीजर में रखा गया। धरने पर बैठे लोगों ने यहां जेरनेटर की व्यवस्था की है। इससे पहले सरकारी बिजली की लाइन से कनेक्शन लेने का प्रयास किया गया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने ऐसा नहीं करने दिया।

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धरने पर बैठे डॉ. मीणा और उनके समर्थकों की मांग है कि पुजारी के मंदिर की जिस जमीन पर दबंगों ने सरकारी कर्मियों के साथ मिलकर कब्जा किया, रजिस्ट्री करवाई उसको वापस उसके परिजनों के नाम की जाए। जमीन पर बनाई गई दुकानों को ध्वस्त किया जाए। सरकारी कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वार्ता के लिए राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और कुछ अधिकारियों को नियुक्त किया है, लेकिन चौधरी सुजानगढ़ विधानसभा सीट के उपचुनाव के कारण डॉ. मीणा से एक बार ही वार्ता कर सके, जिसमें सहमति नहीं बनी। इसके बाद उनकी वार्ता नहीं हुई। अधिकारियों ने जरूर बात की, लेकिन वे भी कोई निर्णय नहीं कर सके। इसी बीच, डॉ. मीणा अपने समर्थकों के साथ पुजारी के शव को सहाड़ा ले जाने का प्रयास करने लगे तो पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोका। सहाड़ा सीट पर उप चुनाव हो रहे हैं। धरने पर बैठे लोगों के साथ अब ब्राह्मण समाज के लोग भी जुड़े हैं। प्रशासन ने मौके पर 300 पुलिसकर्मियों के साथ ही 15 अधिकारी तैनात किए हैं।

जानें, क्या है मामला

पुजारी शंभू शर्मा की मंदिर माफी की करीब 30 बीघा जमीन को दबंगों ने साजिश रचकर स्थानीय सरकारी कर्मियों की मिलीभगत से अपने नाम करा ली। महवा तहसीलदार ने इसकी रजिस्ट्री कर दी। सब रजिस्ट्रार ने मूक-बधिर, निरक्षर और मंदबुद्धि पुजारी का रजिस्ट्री से पहले मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं लिया। न ही इसे सिविल मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया। आरोप है कि इस सबके बीच सदमे के कारण पुजारी की मौत हो गई। अब डॉ. मीणा पुजारी के परिजनों व अपने समर्थकों के साथ आंदोलन कर रहे हैं। दौसा जिला पुलिस अधीक्षक ने इलाके के थानेदार नरेश शर्मा को जिम्मेदार मानते हुए निलंबित कर दिया है। 


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