Bharat Bandh: राजस्थान में मिला-जुला रहा असर, जोधपुर में किसानों ने किया प्रदर्शन
Bharat Bandh कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन के चार माह पूरे होने पर शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित भारत बंद आंदोलन के तहत राजस्थान में कोई खास असर नहीं रहा है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Bharat Bandh: राजस्थान में भारत बंद का मिलाजुला असर रहा। वहीं, जोधपुर में किसनों ने प्रदर्शन किया। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन के चार माह पूरे होने पर शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित भारत बंद आंदोलन के तहत राजस्थान में कोई खास असर नहीं रहा है। हरियाणा व पंजाब से सटे चार जिलों में जरूर असर रहा। कम्युनिस्ट पार्टियों के प्रभाव वाले सीकर, झुंझुनूं, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में सुबह से दुकानें बंद कराई गईं, लेकिन दोपहर बाद खुल गईं। किसान संगठनों से जुड़े लोग बाजार बंद कराने में जुटे रहे। श्रीगंंगानगर व हनुमानगढ़ में मंडियां बंद कराई गईं, जिससे मजदूर खाली बैठे रहे। किसान संगठनों की टीमें सुबह से ही मुख्य मार्गों व बाजारों में पहुंच गईं और बंद कराने में जुटी।
बीकानेर में सुबह थोड़ी देर दुकानें बंद रही, दोपहर में बाजार खुल गए। अलवर जिले में भी बंद का कुछ असर दिखाई दिया। शाहजहांपुर में बंद का असर रहा, यहां आंदोलनकारियों ने दुकानें बंद कराईं। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर, कोटा और अजमेर जैसे बड़े जिला मुख्यालयों पर बंद का असर अब तक नजर नहीं आया। बाजार सुबह खुले, वाहन भी चले। वैसे किसान नेताओं की रणनीति है कि दोपहर में बाजार और वाहनों की आवाजाही बंद कराई जाएगी। हाईवे भी दोपहर में रोकने की रणनीति है। राजस्थान किसान यूनियन के अध्यक्ष राजाराम मील, माकपा के पूर्व विधायक अमराराम सहित कई किसान नेता बंद पर निगरानी रखते हुए स्थानीय नेताओं को निर्देश दे रहे थे। किसान संघर्ष समिति ने परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स, विवाह समारोह में जाने वाले वाहनों, एंबुलेंस, सेना व पुलिस के वाहनों को बंद से मुक्त रखने का निर्णय पहले ही लिया था। कांग्रेस ने किसान आंदोलन को समर्थन दे रखा है। कांग्रेस के कार्यकर्ता भी कुछ जगह बंद कराते नजर आए। हालांकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बंद को खुलकर समर्थन नहीं दिया।
जोधपुर में इंजन पर चढ़े किसान, रास्ता रोक किया प्रदर्शन
जोधपुर, संवाद सूत्र। संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के आह्वान का असर शुक्रवार को जोधपुर में भी देखने को मिला है। जोधपुर में किसानों ने बाजार तो बंद नहीं करवाए। अलबत्ता किसानों ने बाड़मेर रोड पर डीपीएस चौराहा, नागौर रोड पर आईआईटी के पास और जयपुर रोड पर बनाड़ तिराहे पर रास्ता जाम किया। किसान आंदोलन के दौरान यह पहला अवसर है, जब कांग्रेस नेताओं ने रणनीति बना सभी प्रमुख मार्गों पर प्रदर्शन किया। किसानों ने सड़कों पर नारेबाजी की। वहीं, बनाड़ के पास में पिलार बालाजी में खड़े इंजन पर किसान चढ़ गए। ऐहतियात के तौर पर भारी पुलिस जाब्ता भी लगाया गया है। वहीं, इस आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस पृष्ठभूमि के कई किसान नेताओं की बागडोर संभालने की बात हुई चर्चा का विषय रही।
गत चार माह से चल रहे किसान आंदोलन के तहत शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद का आह्वान किया, इसको सफल बनाने के लिए जोधपुर में तीन शहरों नागौर, बाड़मेर व जयपुर की तरफ जाने वाली सड़कों पर किसानों ने रास्ता रोक प्रदर्शन किया है। हालांकि शहरी क्षेत्र में इसका असर देखने को नहीं मिला। बाड़मेर रोड पर पाल सरपंच भल्ला राम सारण व किसान नेता भूरा राम के नेतृत्व में किसान डीपीएस चौराहे पर एकत्र हो प्रदर्शन किया। इस कारण इस चौराहे पर आवागमन बाधित हो गया। चारों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। वहीं, नागौर रोड पर आईआईटी के सामने भी किसानों ने रास्ता रोका। यहां लूणी से कांग्रेस विधायक महेन्द्र विश्नोई व नदवाण के पूर्व सरपंच खरताराम भामू के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान सड़क पर डटे रहे।
सभी ने लगातार मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं, जयपुर रोड पर बनाड़ थाने के सामने पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ पूर्व कुलपति डॉ. गंगाराम जाखड़ व किसान नेता आरके मेघवाल के नेतृत्व में किसान सड़को पर उतरे। अभी तक किसान आंदोलन के दौरान कांग्रेस ने सिर्फ समर्थन का आश्वासन दिया, लेकिन वह किसी प्रकार का धरना प्रदर्शन आयोजित करने में विफल रही थी। लेकिन आज के आंदोलन में कांग्रेस से जुड़े नेताओं ने इसे सफल बनाने में अपनी पूरी ताकत झोकी। किसानों ने पिलार बालाजी के निकट बनाड़ रोड पर खड़े इंजन पर चढ़ कर प्रदर्शन किया।