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राजस्थान में पद्मावत पर संग्राम, 1600 राजपूत महिलाओं ने मांगी इच्छा मृत्यु

श्री राजपूत करणी सेना की ओर से बताया गया कि महिलाएं जौहर के लिए भी तैयार है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 22 Jan 2018 05:11 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jan 2018 05:15 PM (IST)
राजस्थान में पद्मावत पर संग्राम, 1600 राजपूत महिलाओं ने मांगी इच्छा मृत्यु
राजस्थान में पद्मावत पर संग्राम, 1600 राजपूत महिलाओं ने मांगी इच्छा मृत्यु

नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। संजय लीला भंसाली की फिल्म "पद्मावत" को लेकर राजस्थान में संग्राम जारी है। आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने फिल्म पर रोक लगाने की मांग की है। इधर, 1600 क्षत्राणियों ने राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से इच्छा मृत्यु मांगी है। फिल्म को लेकर राजस्थान के कई जिलों में आज बंद और धरने-प्रदर्शन आयोजित किए गए।

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फिल्मी को रिलीज होने से रोकने के लिए राजस्थान सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर कर दी,इस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। राज्य सरकार ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 जनवरी को भंसाली की याचिका पर सुनवाई करते हुए 25 जनवरी को फिल्म रिलीज करने के आदेश दिए थे। लेकिन प्रदेश की दो (अजमेर एवं अलवर ) संसदीय सीटों एवं एक विधानसभा क्षेत्र (मांडलगढ़ ) विधानसभा क्षेत्र के लिए 29 जनवरी को होने वाले उप चुनाव में राजपूत समाज द्वारा भाजपा का विरोध और कांग्रेस का समर्थन करने की घोषणा के साथ ही बिगड़ती कानून व्यवस्था के चलते वसुंधरा राजे सरकार ने फिल्म पर रोक लगाने को लेकर कसरत तेज कर दी है।

इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री पहले ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बात कर चुकी है। चुनाव प्रचार में जुटी सीएम ने सोमवार को फिर केन्द्र सरकार से इस मामले का सर्वमान्य हल निकलवाने का आग्रह किया है। उग्र राजपूत समाज को समझाने के लिए राजपूत मंत्रियों और विधायकों को पहले ही जिम्मेदारी सौंपी है। प्रदेश के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर कर दी है। राजपूत संगठनों एवं उदयपुर के पूर्व राजपरिवार से भी समीक्षा याचिका दायर करने के लिए कहा गया है। उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ सहित आधा दर्जन इतिहासकारों ने सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करने की बात कही है।

इधर, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ( आरएसएस ) भी नहीं चाहता कि फिल्म रिलीज हो। संघ का मानना है कि इस फिल्म के निर्माता ही अपने स्तर पर रिलीज करने से रोक लें,इससे देश में शांति रहेगी। संघ के क्षेत्रीय संघ चालक (उत्तर-पश्चिम) भगवती प्रसाद ने कहा कि इस फिल्म को लेकर बवाल मचा हुआ है,राजपूत ही नहीं सभी समाज चाह रहे हैं कि फिल्म रिलीज नहीं हो, कुछ ऐसी ही भावना संघ की भी है। उन्होंने कहा कि हम भी नहीं चाहते कि रानी पद्मनी को मात्र कल्पना के रूप में दिखाया जाए। विहिप और बजरंग दल ने भी फिल्म पर रोक लगाने की मांग की है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगड़िया की ओर से जारी एक बयान में मंगलवार को देशभर में प्रदर्शन करने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि जहां भी प्रदर्शन होंगे लोकतांत्रिक ढ़ंग से होंगे।

अहमदाबाद से दिल्ली जाते समय जयपुर में विहिप पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ अध्यादेश पास कराए। जिस तरह से जलिकट्टूू पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक के आदेश दिए थे, तब केन्द्र सरकार अध्यादेश लेकर आई थी, उसी तरह से हिन्दुओं के स्वाभिमान के लिए काम करें। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने फिल्म के खिलाफ मंगलवार को प्रदेश में रेल यातायात ठप करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में भंसाली की फिल्म नहीं चलने देंगे। फिल्म के विरोध में चित्तौड़गढ़ में सोमवार को दूसरे दिन भी महिलाओं ने हाथों में तलवार लेकर रैली निकाली। रैली के बाद महिलाओं ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भेजकर इच्छा मृत्यु मांगी है।

श्री राजपूत करणी सेना की ओर से बताया गया कि महिलाएं जौहर के लिए भी तैयार है। फिल्म के विरोध में सोमवार को राजसमंद जिले का देवगढ़ कस्बा बंद रहा। इसके साथ ही राजसमंद जिला मुख्यालय, चुरू, प्रतापगढ़ और जयपुर में प्रदर्शन किया गया। जयपुर में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने वाहन रैली निकालकर आइनोक्स सिनेमाघर पर प्रदर्शन किया। करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने कहा कि फिल्म प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया तो परिणाम घातक होंगे। उन्होंने लोगों से 25 जनवरी को जनता कर्फ्यू लगाने का आग्रह किया।

फिल्म के विरोध में युवक टंकी पर चढ़ा

"पद्मावत" के विरोध में करणी सेना का एक कार्यकर्ता भीलवाड़ा में पेट्रोल की बोतल हाथ में लेकर बीएसएनएल के 350 फीट ऊंचे टावर पर चढ़ गया। उपेन्द्र सिंह नामक इस युवक का कहना है कि जब तक देशभर में फिल्म पर रोक नहीं लग जाती, तब तक वह नीचे नहीं उतरेगा। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी शाम तक उसे नीचे उतरने के प्रयास में जुटे थे, लेकिन वह अपनी बात पर अड़ा हुआ था।

फिल्म वितरकों ने पीछे खींचे कदम

"पद्मावत" को लेकर हो रहे उग्र विरोध को देखते हुए राजस्थान के फिल्म वितरकों एवं सिनेमाघरों ने प्रदेश में फिल्म प्रदर्शन से इंकार कर दिया है। वितरक राज बंसल, यशराज एंटरटेंमेंट और मरूधर सीने एंटरटेंमेंट ने राज्य में फिल्म वितरण नहीं करने की जानकारी राज्य सरकार को दे दी है। इसी तरह प्रदेश के कई शहरों में सिनेमाघरों के प्रबंधकों ने फिल्म लगाने से इंकार कर दिया है।  

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