Rajasthan: दो साल से गुमशुदा युवक के स्वजनों से मिली प्रियंका गांधी
Rajasthan रणथंभौर अभयारण्य की तीन दिन तक सैर करने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा बुधवार को वापस दिल्ली लौट गईं। सड़क मार्ग से सवाई माधोपुर से दिल्ली जाते समय दौसा जिले के लालसोट में प्रियंका ने दो साल से गुमशुदा युवक के स्वजनों से मुलाकात की।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के रणथंभौर अभयारण्य की तीन दिन तक सैर करने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा बुधवार को वापस दिल्ली लौट गईं। सड़क मार्ग से सवाई माधोपुर से दिल्ली जाते समय दौसा जिले के लालसोट में प्रियंका ने दो साल से गुमशुदा युवक के स्वजनों से मुलाकात की। इस दौरान गुमशुदा युवक के माता-पिता ने रोते हुए प्रियंका को अपनी पीड़ा सुनाई। इस पर प्रियंका ने उनसे ज्ञापन मांगा, लेकिन उनके पास ज्ञापन पहले से तैयार नहीं था। इस पर प्रियंका ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह सरकार से इस बारे में जानकारी लेंगी। कर्णपुरा गांव निवासी 25 वर्षीय युवक बुद्धिप्रकाश दो साल से गुमशुदा है। पिछले दिनों उसके रिश्तेदार व ग्रामीण उपखंड कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे थे। तीन दिन पहले उन्हें प्रियंका के सवाईमाधोपुर रणथंभौर में सैर के लिए आने की सूचना मिली। इस पर वह सवाईमाधोपुर पहुंच गए। हालांकि वहां तो उनकी प्रियंका से मुलाकात नहीं हो सकी, लेकिन बुधवार को दिल्ली लौटते समय वह खुद उनसे मिलने पहुंचीं।
गौरतलब है कि गत अक्टूबर में सवाईमाधोपुर के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघिन टी 63 ने तीन शावकों को जन्म दिया था। रणथंभौर की खंडार रेंज के चिनावली टाप के वन क्षेत्र में बाघिन टी 63 तीन शावकों के साथ वन विभाग के फोटो ट्रैप कैमरों में नजर आई है। इसके बाद वन विभाग की ओर से बाघिन की लगातार निगरानी की जा रही है। राज्य के मुख्य वन अधिकारी टीसी वर्मा ने बताया कि बाघिन टी 63 की उम्र करीब 10 साल है। इसकी टेरिटरी लाहपुर, चिनावली, आडिखोह क्षेत्र है। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, रणथंभौर में खंडार ऐसा क्षेत्र है, जहां पर्यटकों की आवाजाही पर रोक है। रणथंभौर में 20 नर माघ, 30 वयस्क मादा बाघिन और 27 शावक हैं। इस तरह यहां बाघों की कुल संख्या 77 हो गई है। वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर बाघिन के तीन शावकों के जन्म देने पर खुशी जताई है। गहलोत ने लिखा कि रणथंभौर में बाघिन टी 63 का तीन शावकों के साथ दिखना बहुत अच्छा है। हमेशा यह एक अच्छा अहसास होता है कि राज्य में वन्यजीव फल-फूल रहा है।