राजस्थान के चिकित्सकों के समर्थन में 27 मार्च को देशभर के निजी अस्पताल रहेंगे बंद
सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक पिछले तीन दिन से प्रतिदिन दो घंटे काम का बहिष्कार कर रहे हैं। उधर चिकित्सकों के प्रतिनिधियों की रविवार को सरकार के साथ हुई वार्ता विफल हो गई। मुख्य सचिव उषा शर्मा और प्रमुख वित्त सचिव अखिल अरोड़ा के साथ चिकित्सकों की बैठक हुई।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में स्वास्थ्य के अधिकार विधेयक के विरोध में निजी अस्पतालों में रविवार को आठवें दिन काम बंद रहा । प्रदेशभर के निजी अस्पताल बंद रहे । निजी अस्पताल मालिक और चिकित्सक विधेयक के विरोध में लगातार विरोध प्रदर्शन कर काम का बहिष्कार कर रहे हैं। देशभर के निजी अस्पतालों ने 27 मार्च को राजस्थान के आंदोलन के समर्थन में काम बंद करने की घोषणा की है। वहीं प्रदेश के सरकारी चिकित्सक 29 मार्च को पूरे दिन काम का बहिष्कार करेंगे।
सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक पिछले तीन दिन से प्रतिदिन दो घंटे काम का बहिष्कार कर रहे हैं। उधर चिकित्सकों के प्रतिनिधियों की रविवार को सरकार के साथ हुई वार्ता विफल हो गई। मुख्य सचिव उषा शर्मा और प्रमुख वित्त सचिव अखिल अरोड़ा के साथ चिकित्सकों की बैठक हुई।
बैठक में चिकित्सकों ने स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक वापस होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही इस दौरान चिकित्सक संघ के दो पदाधिकारियों ने सरकारी अस्पतालों एवं सरकार से अनुदान प्राप्त अस्पतालों को ही विधेयक के दायरे में लाने की बात कही। उधर चिकित्सकों ने राजधानी जयपुर सहित सभी शहरों में सड़कों पर बैठकर मरीजों का इलाज किया। जयपुर में सड़क पर टेबल लगाकर चिकित्सकों ने मरीजों का उपचार किया।
चिकित्सकों ने सुंदरकांड के पाठ किए
विधेयक का विरोध कर रहे चिकित्सकों ने रविवार को अजमेर में सुंदरकांड के पाठा किए। साथ ही चाय बेची। सीकर में महिला चिकित्सक डॉ.अनिता ने अपने निजी अस्पताल के ताला लगाकर पानी पुरी बेची। डॉ.अनिता ने कहा कि सरकार विधेयक लागू कर निजी अस्पतालों को बंद करना चाहती है। शहरों एवं कस्बों में निजी अस्पतालों के मालिक व चिकित्सकों ने अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन किया।
राजधानी जयपुर में चिकित्सकों ने सवाई मानसिंह अस्पताल से जवाहर सर्किल तक कार रैली निकाली। यहां चिकित्सकों ने सड़क पर बैठकर मरीजों का उपचार किया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.शरद अग्रवाल व सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डा.अजय चौधरी ने आंदोलन जारी रखने का बात कही।
सीएम की अपील
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिकित्सकों से हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने की अपील की। सीएम ने कहा,विधेयक में चिकित्सकों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। चिकित्सकों का हड़ताल पर जाना उचित नहीं है।
इससे पहले शनिवार रात सीएम ने चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा व अधिकारियों की बैठक लेकर चिकित्सकों से वार्ता करने के निर्देश दिए। सीएम के निर्देश के बाद रविवार को वार्ता हुई। लेकिन वार्ता सफल नहीं हो सकी,चिकित्सकों ने विधेयक वापस लिए जाने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही।
भाजपा सरकार से नाराज
भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए विधेयक को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि सरकार को आम आदमी के हित में चिकित्सकों को आंदोलन खत्म करना चाहिए। सरकार को चिकित्सकों की बात सुननी चाहिए।
निजी अस्पताल मालिक और चिकित्सकों का विरोध है कि किसी भी तरह की शिकायत की सुनवाई के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर प्राधिकरण बनाने का विधेयक में प्रावधान किया गया है।
प्राधिकरण में चिकित्सकों के प्रतिनिधि नहीं होंगे,जबकि सरकार अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। प्राधिकरण के फैसले की न्यायालय में अपील नहीं हो सकेगी।
विधेयक में आपातकालीन इकाई को सही परिभाषित नहीं किया गया है। विधेयक में नियमों के पहली बार उल्लंघन पर जुर्माना दस हजार और इसके बाद 25 हजार तक के जुर्माने के प्रावधान पर भी चिकित्सकों को आपत्ति है।