Video: राजस्थान में राष्ट्रपति बोले, पॉक्सो के दोषियों को न मिले दया याचिका का अधिकार
Ram Nath Kovind in Rajasthan. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का राजस्थान के उदयपुर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया।
जयपुर, जेएनएन। देश भर में दुष्कर्म के मामलों को लेकर सामने आ रही कड़ी प्रतिक्रियाओं के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महिला सुरक्षा पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा है कि पॉक्सो एक्ट के तहत दुष्कर्म के दोषियों को दया याचिका दायर करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान ने दया याचिका का अधिकार दिया है, लेकिन पॉक्सो एक्ट के दोषियों को ऐसे किसी भी अधिकार की जरूरत नहीं है। संसद को दया याचिकाओं के इस विषय पर संविधान संशोधन के बारे में विचार करना चाहिए। गौरतलब है कि निर्भया मामले की दया याचिका हाल ही में राष्ट्रपति के पास निर्णय के भेजी गई है। ऐसे में राष्ट्रपति का यह बयान काफी अहम हो जाता है।
#WATCH "Women safety is a serious issue. Rape convicts under POCSO Act should not have right to file mercy petition. Parliament should review mercy petitions,"President Ram Nath Kovind at an event in Sirohi, Rajasthan pic.twitter.com/0noGCUaNhQ
— ANI (@ANI) December 6, 2019
राष्ट्रपति शुक्रवार को राजस्थान के माउंट आबू में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी संस्थान की ओर से महिला सशक्तिकरण पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने देशभर में दुष्कर्म और यौन हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि महिला सुरक्षा एक बहुत ही गंभीर विषय है। इस विषय पर बहुत काम हुआ है, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है। बेटियों पर होने वाले आसुरी प्रहारों की वारदातें देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख देती हैं। लड़कों में ‘महिलाओं के प्रति सम्मान’ की भावना को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी हर माता-पिता, हर नागरिक की है।
राष्ट्रपति ने महिला शिक्षा स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज भी साक्षरता दर कम है, लेकिन बेटियों की शिक्षा के लिए काम हो रहा है। राजस्थान के बांसवाड़ा जैसे आदिवासी जिले में हर एक हजार बेटों पर 1003 बेटियां पैदा होने की बात से गर्व होता है। उन्होंने जनधन योजना 52 प्रतिशत खाते खुलने पर हर्ष व्यक्त किया और कहा कि इस बार संसद में 78 महिलाएं सांसद का होना गर्व की बात है। राष्ट्रपति ने मानवता के नव-निर्माण के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए ब्रह्मकुमारी संस्थान को साधुवाद देते हुए कहा कि हजारों की संख्या में यहां उपस्थित राजयोगिनी महिलाओं का यह समूह पूरे विश्व के लिए महिला-नेतृत्व की मिसाल है और 104 वर्ष की दादी जानकी का आशीर्वाद आपके संस्थान को और पूरे समाज को मिलता रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन के विषय बहुत ही प्रासंगिक हैं। महिलाओं को आगे बढ़ाकर ही समानता और समरसता पर आधारित समाज का निर्माण संभव है। इस मौके पर राष्ट्रपति ने भीमराव अंबेडकर को भी याद किया और कहा कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता के लिए आजीवन संघर्ष करने संविधान के प्रमुख शिल्पी बाबासाहब आंबेडकर का आज परिनिर्वाण दिवस है। बाबा साहब ने महिलाओं को समान अधिकार दिलाने के पक्ष में, केंद्रीय मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया था। वे महिलाओं के सशक्तीकरण को सदैव प्राथमिकता देते थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक सामाजिक सत्य है कि जब आप एक बालक को शिक्षित बनाते हैं तो उसका लाभ एक परिवार को मिलता है, लेकिन जब आप एक बालिका को शिक्षित बनाते हैं तो उसका लाभ दो परिवारों को मिलता है। एक और महत्वपूर्ण सामाजिक तथ्य यह है कि शिक्षित महिलाओं के बच्चे अशिक्षित नहीं रहते। शिक्षित महिलाएं अपनी अगली पीढ़ी का बेहतर निर्माण करती हैं। नारी विकास केंद्रित योजनाओं के कारण ‘चाइल्ड सेक्स रेशियो’ में भी सुधार हो रहा है। ग्रामीण भारत में, पंचायती संस्थाओं के जरिये दस लाख से भी अधिक महिलाएं, अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं।
प्रथम नागरिक से अभिप्राय बताते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि यदि एक गोलाकार वृत्त बनाया जाए और उसके बीच में मुझे खड़ा किया जाए तो भी 130 करोड़ लोगों में जिस पर आप अंगुली रखेंगे तो वह भी प्रथम नागरिक होगा। आज पूरा विश्व शांति की खोज में है। वास्तव में शांति हमारे अंदर ही है। आज लोगों के पास अच्छे रिश्ते, परिवार, पैसा, नौकरी होने के बाद भी सुखी नहीं हैं क्योंकि शांति बाहर खोज रहे हैं।
हम सबका पिता परमात्मा एक है: दादी जानकी
ब्रह्माकुमारीज की मुखिया 103 वर्षीय दादी जानकी ने कहा कि मैं कौन (आत्मा) और मेरा कौन (परमात्मा) ये दो बातें मैं सदा याद रखती हूं। हम सब एक पिता की संतान हैं। ईश्वर एक है, हम सबका पिता एक है। मैंने अपने जीवन में हर कार्य सच्चाई, सफाई के साथ किया। दिल में सच्चाई-सफाई और कारोबार में सादगी है तो हम कार्य में सफलता मिलना ही है। विश्व में आज शांति, खुशी और शक्ति की जरूरत है। हिम्मत हमारी, मदद भगवान की। मैं सबसे पहले 1974 में लंदन गई तो वहां पूछा कि आपके पति हैं तो मैंने कहा कि मेरा दिलबर परमात्मा है। उन्होंने आह्वान किया जो भी यहां बैठे हैं, सभी में विश्व कल्याण की भावना रहे तो कभी लड़ाई-झगड़ा नहीं होगा। दादी ने राष्ट्रपति से कहा कि मेरे लिए कोई सेवा है तो इस पर पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा।
ब्रह्माकुमारी संस्थान के महासचिव बीके निर्वैर ने स्वागत भाषण देते हुए देश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक नागरिक यह याद रखें कि हम सभी आपस में भाई-भाई और भाई-बहन हैं तो मन में घिनौने विचार पैदा नहीं होंगे।
समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र, राजयोगिनी जानकी दादी, राजस्थान ऊर्जा मंत्री डाॅ बीडी कल्ला और कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे।
राष्ट्रपति का स्वागत
राजस्थान में इससे पहले डबोक एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति का स्वागत राज्यपाल कलराज मिश्र ने किया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री बीडी कल्ला, मेयर जीएस टांक, संभागीय आयुक्त विकास भाले, ब्रिगेडियर पीयूष कुमार, आईजी बिनीता ठाकुर, कलेक्टर आनंदी, एसपी कैलाश बिश्नोई, विधायक धर्मनारायण जोशी ने भी उनका स्वागत किया।
शनिवार को करेंगे हाईकोर्ट के नए भवन का लोकार्पण
राष्ट्रपति शनिवार को जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट के नए भवन का लोकार्पण करेगे और एम्स जोधपुर के दीक्षांत समारोह में भाग लेंगे।