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Rajasthan Local Body Elections 2019: राजस्थान में चुने जाएंगे 46 निकायों के अध्यक्ष

Rajasthan Local Body Elections 2019. राजस्थान में नाम वापसी के बाद अब तक 49 में से तीन निकायों रूपवास मकराना और निम्बाहेडा में अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध हो चुका है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 05:32 PM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 05:32 PM (IST)
Rajasthan Local Body Elections 2019: राजस्थान में चुने जाएंगे 46 निकायों के अध्यक्ष
Rajasthan Local Body Elections 2019: राजस्थान में चुने जाएंगे 46 निकायों के अध्यक्ष

जयपुर, जेएनएन। Rajasthan Local Body Elections 2019. राजस्थान में 46 नगरीय  निकायों के अध्यक्षों का चुनाव मंगलवार को होगा। ये चुनाव संबंधित निकायों में सुबह दस से अपरान्ह दो बजे तक होंगे। ज्यादा से ज्यादा निकायों में अपना कब्जा जमाने के लिए राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस और प्रतिपक्षी भाजपा के बीच जबरदस्त खींचतान देखने को मिल रही है।

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राजस्थान में 49 नगरीय निकायों में स्थानीय सरकार चुनने के लिए गत 16 नवंबर को वोट पड़े थे। इन निकायों में हुए मतदान का परिणाम 19 नवंबर को आया था। 49 निकायों में से 20 में कांग्रेस तथा छह में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला था, वहीं 23 निकाय ऐसे रहें जहां सत्ता की चाबी निर्दलियों के हाथ में थी।

नाम वापसी के बाद अब तक 49 में से तीन निकायों रूपवास, मकराना और निम्बाहेडा में अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध हो चुका है। इनमें रूपवास में दोनों दलों के बीच चल रही खींचतान साफ नजर आई। यहां भाजपा ने एक निर्दलीय पार्षद बबीता देवी को अपना प्रत्याशी बनाया। यह प्रत्याशी निर्विरोध अध्यक्ष बन गई और कुछ देर बाद ही कांग्रेस में शामिल हो गई। ऐसे में अभी तक हुए निर्विरोध निर्वाचन में तीन निकायों में कांग्रेस का बोर्ड बन चुका है। अब नजर बाकी निकायों पर है। मतगणना के बाद से ही कांग्रेस और भाजपा में जोरदार खींचतान देखने को मिल रही है। अपने पार्षदों को अपने खेेमे में बनाए रखने और निर्दलीय पार्षदों को अपने खेमे में बनाए रखने में दोनों दलों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। भाजपा कांग्रेस पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगा रही है।

पार्टी का आरोप है कि रूपवास ही नहीं बल्कि पुष्कर और अलवर सहित कई स्थानों पर कांग्रेस के मंत्री और नेता निर्वाचित पार्षदों का डराने धमकाने और लालच देकर अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। सत्ता में नहीं होने के कारण भाजपा को अपने खुद के पार्षद भी बचा कर रख पाना मुश्किल हो रहा है। यह माना जा रहा है कि तीन-चार निकाय जहां भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत या बहुमत के आस-पास की संख्या है, वहां कांग्रेस बोर्ड बनाने में सफल रहेगी। कांग्रेस पहले ही तीस से ज्यादा निकायों में बोर्ड बनाने का दावा कर चुकी है। वहीं, भाजपा को अपने स्पष्ट बहुमत वाले निकायों के अलावा आठ-दस और निकायों में बोर्ड बना सकती है।

मतदान के लिए दोनों दलों ने अपने पार्षदों को कड़ी सुरक्षा वाली घेरेबंदी में रख रखा है। अब मंगलवार को एक साथ सभी पार्षदों को वोट डालने के लिए लाया जाएगा। इस दौरान सबसे ज्यादा नजर इसी बात रहेगी कि किस निकाय में क्राॅस वोटिंग होती है या जहां निर्दलियों के हाथ में सत्ता की चाबी है, वहां कितने निर्दलीय किस दल में जाते हैं। मतदान के तुरंत बाद मतगणन होगी और देर शाम तक परिणाम आने की संभावना है।

ये रहा था परिणाम

भाजपा को स्पष्ट बहुमत वाले निकाय

खाटू श्यामजी, पुष्कर, बालोतरा, पिण्डवाडा, उदयपुर और सुमेरपुर

जहां भाजपा को बढ़त हासिल 

पाली, बीकानेर अलवर, ब्यावर, नसीराबाद, पाली, जालौर, भीनमाल, प्रतापुर गढी

कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत वाले निकायः

सांगोद, कैथून, नाथद्वारा, निम्बाहेडा, चित्तौड़गढ़, रावतभाटा, बांसवाड़ा, माउंट आाबू, सिरोही, बाडमेर, फलौदी, मकराना, डीडवाना, नीमकाथाना, सीकर, बिसाउ, झुझुनूं, चूरू हनुमानगढ़

जहां कांग्रेस को बढ़तः

सूरतगढ़, राजगढ़, भिवाडी, टोंक, जैसलमेर, मंगरोल, छबडा, शिवगंज,थानागाजी

जहां निर्दलियों को बढ़तः

भरतपुर, पिलानी, रूपपवास, महुआ, कनोड। 

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