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Coronavirus: चीन से आए पार्सलों से भयभीत डाककर्मी, रोजाना दो दर्जन से अधिक पार्सल आ रहे उदयपुर

कोरोना वायरस को लेकर लोगों में इतना खौफ है कि चीन से आए सामानों को लेकर संदेह जताया जा रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 09:27 AM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 09:27 AM (IST)
Coronavirus: चीन से आए पार्सलों से भयभीत डाककर्मी, रोजाना दो दर्जन से अधिक पार्सल आ रहे उदयपुर
Coronavirus: चीन से आए पार्सलों से भयभीत डाककर्मी, रोजाना दो दर्जन से अधिक पार्सल आ रहे उदयपुर

उदयपुर, सुभाष शर्मा। कोरोना वायरस को लेकर लोगों में इतना खौफ है कि चीन से आए सामानों को लेकर संदेह जताया जा रहा है। यहां डाक के जरिए हर दिन दो दर्जन से अधिक पार्सल चीन से उदयपुर पहुंच रहे हैं और डाककर्मी इन पार्सलों को लेकर भयभीत हैं। अधिकारियों की समझा के बावजूद भी डाककर्मी चीन से आए पार्सलों को छूने से कतराने लगे हैं।

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बताया गया कि उदयपुर में हर दिन दो दर्जन से अधिक पार्सल चीन से आ रहे हैं। जिनमें मोबाइल एवं उनसे जुड़ी एसेसरिज के सर्वाधिक हैं। कोरोना वायरस चीन में दिन प्रतिदिन असर बढऩे की खबरों के बीच चीन से यहां आने वाले पार्सलों को भी संदेह की नजर से देखा जा रहा है। अब डाककर्मी इन पार्सलों को छांटने से भी कतराने लगे हैं। डाककर्मियों का कहना है कि जब कोरोना वायरस हवा में फैल सकता है तो पार्सलों पर भरोसा कैसे करें? जबकि चिकित्सकों का कहना है कि किसी तरह का वायरस पैकेट्स के जरिए नहीं फैलता।

वह मानते हैं कि पार्सल के छूने से संक्रमण फैलने का खतरा नहीं रहता। विभागीय अधिकारियों की समझाइश के बावजूद अधीनस्थ डाककर्मी यह मानने को तैयार नहीं। इस मामले में उदयपुर डाक मंडल के प्रवर अधीक्षक जगदीश सिंह गुर्जर का कहना है कि चीन से हर दिन दो दर्जन से अधिक पार्सल उदयपुर आ रहे हैं। डाककर्मी अब वहां से आए पार्सलों को लेने में आनाकानी करने लगे हैं। उनके भयग्रस्त होने की सूचना उच्चाधिकारियों को भेजी है। साथ ही यह भी सलाह मांगी गई है कि विभागीय कर्मचारियों को किसी तरह की सतर्कता बरतनी है या जरूरत नहीं।

उन्होंने बताया कि सर्वाधिक पार्सल जयपुर में आ रहे हैं जो उदयपुर में आने वाले पार्सलों से दस गुना अधिक है। वहां भी डाककर्मियों में चीन से आने वाले पार्सलों को लेकर भय का माहौल बना हुआ है। इधर, महाराणा भूपाल चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड के प्रभारी डॉ. रमेश जोशी का कहना है कि संक्रमण व्यक्ति के खांसने-छींकने से फैसला है।

बीमार व्यक्ति के खांसते-छींकते हुए काम करते समय किसी वस्तु या सामान को उसी दौरान उपयोग लेने से संक्रमण फैल सकता है लेकिन पार्सल के जरिए दूसरी जगह संक्रमण पहुंचने का खतरा अभी तक सामने नहीं आया है। 

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