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राजस्थान में सरकारी बंगलों को लेकर राजनीति

सुप्रीम कोर्ट द्वारा उत्तरप्रदेश के मामले में पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास खाली कराए जाने को लेकर दिए गए निर्णय के बाद राजस्थान में बंगलों को लेकर राजनीति तेज हो गई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 02:10 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 02:10 PM (IST)
राजस्थान में सरकारी बंगलों को लेकर राजनीति
राजस्थान में सरकारी बंगलों को लेकर राजनीति

जयपुर, जागरण संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उत्तरप्रदेश के मामले में पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास खाली कराए जाने को लेकर दिए गए निर्णय के बाद राजस्थान में बंगलों को लेकर राजनीति तेज हो गई है। इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ विधायक और दीनदयाल वाहिनी के अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी शुक्रवार को राज्यपाल कल्याण सिंह से मुलाकात कर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से सरकारी बंगला नंबर 13 खाली कराए जाने की मांग की है।

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राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में तिवाड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने विशेषाधिकार का दुरूपयोग करते हुए बंगला नंबर 13 और मुख्यमंत्री के लिए अधिकृत रूप से आंवटित बंगला नंबर 8 पर कब्जा जमा रखा है। तिवाड़ी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने बंगला नंबर 13 पर सुख सुविधाओं के नाम पर करोड़ों रूपए सरकारी खजाने से खर्च किए है। बंगला नंबर 13 का नाम अनंत विजय किस आधार पर रखा है,इस बारे में भी मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा यूपी को लेकर दिया गया निर्णय पूरे देश में लागू होता है। पिछले तीन साल से मुख्यमंत्री के खिलाफ सार्वजनिक रूप से मोर्चा खोले तिवाड़ी ने वसुंधरा राजे के बंगला नंबर-13 को राजनीतिक मुद्दा बना दिया है।

तिवाड़ी कई बार मुख्यमंत्री और मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगा चुके है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सरकार से स्पष्ट राय मांगी है। गहलोत को भी पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से सरकारी बंगला आवंटित है। गहलोत का कहना है कि सरकार स्पष्ट बताए कि उसका क्या मत है ।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने विधानसभा में मंत्री संशोधन विधेयक-2017 और राजस्थान मंत्री वेतन विधेयक-2017 पारित करवाया था। इसमें मंत्रियों के वेतन भत्ता और उनके आवास से जुड़ी सुविधाएं शामिल की गई थी। इसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को जयपुर या प्रदेश में कहीं भी एक आवास,निजी सचिव,दो सूचना सहायक,एक सरकारी कार,एक ड्राइवर और टेलिफोन की सुविधा दी गई है। 


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