Rajasthan: वसुंधरा राजे और जगन्नाथ पहाड़िया की सरकारी सुविधाओं पर फिर लटकी तलवार
Vasundhara Raje. पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधाएं मुहैया कराने संबंधी कानून के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में मिलापचंद डांडिया और विजय भंडारी ने जनहित याचिका दायर की थी।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Vasundhara Raje. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगला, वाहन, एक पायलट गाड़ी, टेलीफोन सहित स्टाफ जैसी सुविधाओं पर अब एक बार फिर तलवार लटक गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल से इन्कार कर दिया है। अब प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों वसुंधरा राजे और जगन्नाथ पहाड़िया को सरकारी बंगले सहित अन्य सुविधाएं छोड़नी पड़ सकती हैं।
दरअसल, वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री रहते हुए साल, 2017 में विधानसभा में एक विधेयक पारित कराया था, जिसमें लगातार पांच साल तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेताओं को सरकारी आवास, मोटर गैरेज की एक कार, एक पायलट गाड़ी, टेलीफोन और नौ लोगों का स्टाफ उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया था। उस समय अशोक गहलोत और जगन्नाथ पहाड़िया को इन सुविधाओं का लाभ मिला। वहीं, एक साल पूर्व हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता से बाहर हुई तो जगन्नाथ पहाड़िया के अलावा वसुंधरा राजे को ये सुविधाएं मुहैया कराई गईं।
अधिकारी बीच का रास्ता तलाशने में जुटे
पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधाएं मुहैया कराने संबंधी कानून के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में मिलापचंद डांडिया और विजय भंडारी ने एक जनहित याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने चार सितंबर, 2019 को याचिका को मंजूर कर सरकार द्वारा बनाए गए कानून को रद कर दिया था। हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने इस एसएलपी की सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले में दखल देने का कोई आधार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार की एसएलपी रद होने के बाद अब अशोक गहलोत सरकार दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं को जारी रखने के लिए मध्यम मार्ग तलाशने में जुट गई है। मंगलवार को मुख्य सचिव,मुख्यमंत्री सचिवालय के प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव और विधि विभाग के अधिकारियों ने इस संबंध में बैठक की। सूत्रों के अनुसार, कोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए सरकार अब दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों से गाड़ी, पायलट और स्टाफ जैसे सुविधाएं वापस ले सकती है। लेकिन इन्हें आवास उपलब्ध कराना चाहती है। इनमें वसुंधरा राजे को वरिष्ठ विधायक के नाते सिविल लाइंस स्थित उनके आवास का आवंटन बरकरार रखा जाएगा।
वहीं, जगन्नाथ पहाड़िया यदि यह आवास अपने पास रखना चाहें तो उन्हे किराया देना होगा। यह किराया सरकार अपने स्तर पर बिल्कुल नाम मात्र का तय कर देगी। इससे हाईकोर्ट के निर्णय की पालना भी हो जाएगा और दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास सुविधा भी मिलती रहेगी। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास की सुविधा देने के पक्ष में हैं।
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