Rajasthan: आदतन अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने बनाई नई योजना
Habitual Criminal in Rajasthan. राजस्थान के आदतन अपराधियों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाने के लिए पड़ोसी राज्यों का भी सहयोग लिया जाएगा।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Habitual Criminal in Rajasthan. राजस्थान में लगातार बढ़ रहे संगठित और असंगठित अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने प्रदेशभर में विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। पुलिस मुख्यालय से इस बारे में सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के आदतन अपराधियों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाने के लिए पड़ोसी राज्यों का भी सहयोग लिया जाएगा। प्रदेश के सीमावर्ती अलवर, भरतपुर और झुंझुनूं जिलों में अपराधियों के अपराध को अंजाम देकर पड़ोसी राज्यों हरियाणा, गुजरात व उत्तर प्रदेश में भागने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने विशेष कार्य योजना तैयार की है। इसके तहत आदतन और इनामी बदमाशों की दो सूचियां बनाई गई है।
गृह विभाग का जिम्मा संभाल रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपराधियों पर लगाम लगाने को लेकर विशेष कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय सक्रिय हुआ है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क्राइम) बीएल सोनी ने बताया कि अब हर जिले में वहां के टॉप 25 अपराधियों की सूची तैयार की जा रही है। इस सूची में उन अपराधियों के नाम शामिल किए जा रहे हैं, जो आदतन या ईनामी अपराधी हैं।
इस सूची को प्रदेश के सभी जिलों व पड़ोसी राज्यों के साथ शेयर किया जाएगा। इसका मकसद इन अपराधियों को कहीं भी गिरफ्तार करना है। इस नए प्रयोग से पुलिस को उम्मीद है कि अधिक से अधिक अपराधी पुलिस की पकड़ में आ जाएंगे। अभी दूसरे जिले में अपराधियों का डाटा नहीं होने से अपराधी वहां पहुंच जाते हैं, जिससे वे पुलिस की पकड़ में नहीं आते। लेकिन इस प्रयोग के बाद अपराधियों का दूसरे जिले अथवा पड़ोसी राज्य में छिपना आसान नहीं होगा।
सीएलजी कमेटियां सक्रिय होंगी
इसके साथ ही पुलिस थाना स्तर पर भी टॉप 10 अपराधियों की सूची तैयार की जा रही है। यह सूची भी सभी पुलिस थानों में शेयर की जाएगी। प्रदेश के झुंझुनूं और अलवर जिलों में लगातार घटनाओं को अंजाम देकर हरियाणा जाकर छिपने वाले मोस्ट मांटेड अपराधी पपला गुर्जर का डाटा सभी जिलों में भेजा गया है। हरियाणा पुलिस से एक बार फिर सहयोग मांगा गया है।
पुलिस अपराधियों के बारे में सूचना देने वालों को ईनाम की राशि बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। वर्तमान में अधिकतम ईनाम की राशि 50 हजार रुपये है। आम लोगों का सहयोग लेने के लिए पुलिस थाना स्तर पर कम्यूनिटी लाइजन ग्रुप (सीएलजी) कमेटियों को फिर से सक्रिय किया जाएगा। सीएलजी कमेटियों में सेवानिवृत पुलिस अधिकारियों व समाज के प्रतिष्ठित लोगों को जोड़ा जाएगा।