मूक-बधिर से सामूहिक दुष्कर्म प्रकरण, अलवर मामले की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस
पुलिस नाबालिग की जगह डमी को लेकर उस तिजारा पुलिया पर गईजहां पीड़िता लहूलुहान हालत में 10 जनवरी की रात को मिली थी । रोड़वेज की बस वही थीजो उस दिन पुलिया पर सवारी उतारने के लिए रुकी थी।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के अलवर में मूक-बधिर नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने बुधवार देर रात सीन रिक्रिएट (दृश्य फिर बनाना) किया, लेकिन कोई सकारात्मक हल नहीं निकल सका है। पुलिस नाबालिग की जगह डमी को लेकर उस तिजारा पुलिया पर गई,जहां पीड़िता लहूलुहान हालत में 10 जनवरी की रात को मिली थी। रोडवेज की बस वही थी, जो उस दिन पुलिया पर सवारी उतारने के लिए रुकी थी। मौके पर पहुंचे बस के चालक ने कहा कि उसने न तो नाबालिग को देखा और न ही दुर्घटना का ध्यान है ।
पुलिया पर एक सवारी अवश्य उतारी थी। अब तक की जांच में पुलिस का मानना है कि पुलिया पर जोमैटो कम्पनी का फूड डिलिवरी करने वाले युवक ने मोटरसाइकिल से नाबालिग को टक्कर मारी थी । पुलिस का मानना है कि मोटरसाइकिल अचानक आई थी, जो बस के बगल से निकली। उसी दौरान नाबालिग भी वहां आई और उसके टक्कर लगी। घटना आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में इसलिए नहीं आई, क्योंकि बस की आड़ हो गई थी । सीन रिक्रिएट कर पुलिस खुद समझने में जुटी है। गुत्थी यहां उलझ जाती है कि मोटरसाइकिल सवार युवक बस के बगल से नाबालिग को टक्कर मारते हुए कैसे निकला होगा। वह कैसे गिरी होगी। मोटरसाइकिल का कोई हिस्सा या पुलिया पर पड़ी नुकीली वस्तु नाबालिग के लगी, जिससे उसके गुप्तांग में गहरी चोट आई है।
यह है मामला
अलवर की तिजारा पुलिया पर 10 जनवरी की रात को मूक-बधिर नाबालिग लहूलुहान हालत में मिली थी। खून ज्यादा बहने पर उसे जयपुर के जेकेलोन अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसके आधा दर्जन आपरेशन हुए । पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने 11 तारीख को कहा कि नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है, इसी आधार पर पुलिस ने जांच की और कलेक्टर ने साढ़े तीन लाख की पीड़िता के स्वजनों को मदद दी। गौतम ने 14 तारीख को मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दुष्कर्म की संभावनाओं को नकार दिया था। दो दिन पहले फिर उन्होंने कहा कि पुलिस दुष्कर्म से इनकार नहीं कर रही है। सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।