Move to Jagran APP

खुद को दिल्ली में विदेश मंत्रालय में पदस्थापित IAS बताने वाला आठवीं पास निकला, गिरफ्तार

राजस्थान के भरतपुर में पुलिस ने बीती रात एक फर्जी आईएएस अधिकारी को पकडा। यह खुद को दिल्ली में विदेश मंत्रालय में पदस्थापित आईएएस बता रहा था।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 10:25 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 10:25 PM (IST)
खुद को दिल्ली में विदेश मंत्रालय में पदस्थापित IAS बताने वाला आठवीं पास निकला, गिरफ्तार
खुद को दिल्ली में विदेश मंत्रालय में पदस्थापित IAS बताने वाला आठवीं पास निकला, गिरफ्तार

राज्य ब्यूरो, जयपुर। राजस्थान के भरतपुर में पुलिस ने बीती रात एक फर्जी आईएएस अधिकारी को पकडा। यह खुद को दिल्ली में विदेश मंत्रालय में पदस्थापित आईएएस बता रहा था। पूछताछ की गई तो आरोपित मात्र आठवीं कक्षा तक पढ़ा हुआ निकला। गिरफ्तार आरोपी सौरभ उर्फ विष्णु उर्फ वीके है जो  28 साल का है और नदबई भरतपुर का रहने वाला है। आरोपी शादी शुदा है और दो बच्चे भी है।

loksabha election banner

भरतपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह ने बताया कि 26 जुलाई की मध्य रात सौरभ उर्फ विष्णु थाना चिकसाना पहुंचा और सन्तरी ड्यटी पर तैनात कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह को दिल्ली विदेश मन्त्रालय में आईएसएस होना बताकर एएसआई सुरेन्द्र को बुलाने के लिए कहा। सन्तरी ने सैल्यूट किया और बैठने को कुर्सी भी दी। इसके बावजूद जब वह थाने में जबरदस्ती घुसने लगा तो संतरी ने उसे रोक दिया। इस पर उसने सन्तरी का गिरेबान पकड़ मारपीट कर दी। सन्तरी की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने इसे पकड लिया और पूछताछ की तो सामने आया कि इसने इसी रह ठगी की कई वारदात की है।

साल 2017 में यह राजस्थान के एक मंत्री कालूराम गुर्जर का फर्जी पीए बना और फतेहरपुर सीकरी के रोजौली गांव निवासी रघुवीर सिंह जाट के बेटे को विधार्थी मित्र बनाने के नाम पर 25000 रूपये हडप लिए। वहीं इसी वर्ष एक और व्यक्ति बच्चू पंडित के पटवारी बेटे का झालावाड से अलवर ट्रांसफर कराने की एवज में 70000 रूपये ठग लिए। इस मामले में इसे सेवर पुलिस ने गिरफ्तार भी किया और इसने जेल भी काटी।  साल 2018 में एक महिला मित्र के साथ करौली कैलादेवी मंदिर गया और खुद को आईएएस अधिकारी बता कर पुलिस के आला अधिकारियों को फोन कर पुलिस एस्कॉर्ट मांगी। मंदिर दर्शन के बाद महिला मित्र के साथ बयाना में परिचित बच्चू सिंह गुर्जर के घर गया। जहाँ पहले से ही बैठे एक व्यक्ति ने उसे पहचान लिया।

इस बात की सूचना बयाना पुलिस को देने पर पुलिस ने महिला व ड्राईवर सहित तीनों को गिरफ्तार कर लिया। गाडी पर आरोपित का नाम व नाम के नीचे आईएएस की प्लेट लगी थी। जमानत पर छूटने के बाद अधिकारियों को फर्जी आईएएस बन कर लोगों के काम कराता रहा। कर्मचारियों से पैसे लेकर स्थानांतरण व लोगों से नौकरी लगवाने के नाम से पैसे ठगता रहा।

अमनदीप सिंह ने बताया कि रविवार रात को आरोपित अपने ससुराल चिकसाना में आया हुआ था। जहां उसे जानकारी मिली कि थाने का एएसआई सुरेन्द्र सिंह आए दिन उन्हें परेशान करता है। वह सुरेन्द्र सिंह को धमकाने थाने पहुंच गया। आरोपित ने आईजीपी रेंज भरतपुर व भरतपुर एसपी को सुरेन्द्र सिंह का स्थानान्तरण चिकसाना से पुलिस लाईन में करने के लिए फोन भी किया, लेकिन संतरी से मारपीट के मामले में फंस गया और इसकी पोल खुल गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.