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वन व रेगिस्तान से पर्यटन व्यवसाय को जोड़ने की योजना राजस्थान सरकार ने बनाई ईको टूरिज्म नीति

राज्य सरकार द्वारा पहली बार बनाई गई ईको टूरिज्म नीति में छोटी झील तालाब और पुरानी बावड़ियों को संरक्षित करने के साथ ही पर्यटकों को वहां तक पहुंचाने के लिए योजना बवन व रेगिस्तान से पर्यटन व्यवसाय को जोड़ने की योजना राजस्थान सरकार ने बनाई ईको टूरिज्म नीति

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 26 Aug 2021 02:05 PM (IST)Updated: Thu, 26 Aug 2021 02:05 PM (IST)
वन व रेगिस्तान से पर्यटन व्यवसाय को जोड़ने की योजना राजस्थान सरकार ने बनाई ईको टूरिज्म नीति
वन व रेगिस्तान से पर्यटन व्यवसाय को जोड़ने की योजना

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान सरकार ईको टूरिज्म (पर्यावरण पर्यटन) को बढ़ावा देगी । इसके लिए पहली बार नीति बनाई गई है। सरकार द्वारा ईको टूरिज्म के लिए तैयार की गई नीति में डेजर्ट नाइट, टाइगर रिजर्व, लेपर्ड सफारी, बर्ड वॉचिंग पाइंट्स, रीवर कैंपिंग, बोटिंग, बायो-डायवर्सिटी, हॉट स्पॉट और एग्रीकल्चर टूरिज्म का प्रावधान किया गया है।

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राज्य सरकार देशी-विदेशी पर्यटकों को जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर और नागौर जैसे रेगिस्तानी जिलों में लाने के लिए डेजर्ट टूरिज्म को बढ़ावा देगी। इसी तरह कोटा संभाग में रीवर एडवेंचर, बोटिंग, ओवर नाइट कैंपिंग खास आकर्षण के केंद्र होंगे। राज्य के आधा दर्जन बड़े शहरों में जयपुर के झालाना पार्क की तर्ज पर पैंथर सफारी विकसित की जाएगी।

राज्य सरकार द्वारा पहली बार बनाई गई ईको टूरिज्म नीति में छोटी झील, तालाब और पुरानी बावड़ियों को संरक्षित करने के साथ ही पर्यटकों को वहां तक पहुंचाने के लिए योजना बनाई का प्रावधान किया गया है। पुरानी हवेलियों के लिए देश में प्रसिद्ध झुंझुनूं जिले में देशी-विदेशी पर्यटकों को लाने के लिए टूरिस्ट गाइड्स से संपर्क किया जाएगा। बायो-डायवर्सिटी हाट स्पाट में प्रमोट करने के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेने की योजना बनाई गई है।

रणथंभौर, सरिस्का, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघों को देखने आने वाले पर्यटकों की सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा । इसके साथ ही वन्यजीवों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने का प्रावधान भी नीति में किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ईको टूरिज्म प्रकृति पर आधारित गतिविधियों को शामिल करता है। यह प्राकृतिक और सामाजिक गुणों की समझ का विस्तार करता है।

10 साल के लिए बनाई गई नीति

यह नीति अगले 10 साल के लिए बनाई गई है। साल, 2030 तक नीति के माध्यम से ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ ही जंगलों के संरक्षण पर जोर दिया जाएगा। स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़कर उन्हे आर्थिक रूप से मजबूत करने की योजना है। वन मंत्री सुखराम विश्नोई का कहना है कि राज्य की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, भौगोलिक और पारिस्थितिकीय विविधताओं के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था में पर्यटन व्यवसाय का बड़ा महत्व है।

उन्होंने कहा कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहरों को भी ईको टूरिज्म नीति से संरक्षित किया जाए। वन विभाग की मुखिया श्रुति शर्मा का कहना है कि सामान्य पर्यटन के साथ-साथ ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने से न सिर्फ पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा सकता है, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। राज्य में जैव विविधता, वन और वन्यजीव संरक्षण में भी स्थानीय लोगों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। 


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