pehlu khan case: पहलू खान का परिवार बोला, 30 माह बाद हमारे साथ न्याय हुआ
pehlu khan case. हाईकोर्ट ने पहलू खान से जुड़े गोतस्करी मामले में मामले में उसके दोनों बेटों पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआइआर रद कर दी है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। करीब 30 माह पुराने पहलू खान गोतस्करी मामले में राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से उसका परिवार और मेव समाज खुश है। पहलू खान के परिवार का कहना है कि हाईकोर्ट ने हमें 30 माह बाद न्याय दिया है। पुलिस ने हमें बेवजह गोतस्कर बता दिया था, जबकि हम जयपुर के पशु हटवाड़े से गाय डेयरी के लिए खरीद कर ले जा रहे थे। लेकिन बुधवार को हाईकोर्ट के न्यायाधीश पंकज भंडारी ने पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश की गई एफआइआर और चार्जशीट को कानून का दुरुपयोग माना और कहा था कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि गोवंश वध के लिए ले जाए जा रहे थे।
हाईकोर्ट ने 30 माह पुराने पहलू खान से जुड़े गोतस्करी मामले में मामले में उसके दोनों बेटों इरशाद और आरिफ एवं ट्रक चालक खान मोहम्मद के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को रद कर दिया है। हाईकोर्ट द्वारा एफआइआर रद करने के बाद पहलू खान के बेटे इरशाद और उसकी मां जेबुनी ने कहा कि हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा था। कोर्ट ने हमारे परिवार को गोतस्कर मानने से इन्कार कर दिया, जबकि पुलिस हमें जबरन गोतस्कर बता रही थी। उन्होंने कहा कि 30 माह बाद हम पर गोतस्कर होने का आरोप हटा है, हमें न्याय मिला। अब पहलू खान के कातिलों को सजा मिल जाए तो उनकी मृत आत्मा को भी न्याय मिलेगा।
इरशाद और उसकी मां जेबुनी ने एक बातचीत में कहा कि कोर्ट में उन्हे इंसाफ मिलने का श्रेय देश की कानून व्यवस्था और वकीलों को दिया। इरशाद ने कहा कि जिस वक्त यह घटनाक्रम हुआ, उस समय के पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मी आरोपितों से मिले हुए थे। पुलिस ने जानबूझकर मामले को कमजोर किया,जिससे आरोपित लोअर कोर्ट से बरी हो गए। इरशाद ने कहा कि वकील कपिल गुप्ता और कासिम अली ने बहुंत मेहनत से कोर्ट में अपना पक्ष रखा। मेव समाज के कई लोग गुरुवार को जयपुर पहुंचे। मेव पंचायत के संरक्षक शेर मोहम्मद सहित कई मेव नेताओं ने यहां दोनों वकीलों को कोर्ट में अच्छी तरह पक्ष रखने के लिए धन्यवाद दिया।
जानें क्या है मामला
एक अप्रैल, 2017 को हरियाणा के नूंह निवासी पहलू खान और उसके दोनों बेटे आरिफ एवं इरशाद के साथ जयपुर नगर निगम के पशु हटवाड़े से दुधारू गाय एवं बछड़े खरीद कर ले जा रहे थे। वे ये गाय और बछड़े खान मोहम्मद के ट्रक में ले जा रहे थे। बहरोड़ के पास कथित गोभक्तों ने उनके साथ मारपीट की थी। इसमें पहलू खान गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसने इलाज के दौरान चार दिन बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस मामले में दो एफआइआर दर्ज की गई थी। इनमें एक एफआइआर तो पहलू खान की तरफ से छह लोगों के खिलाफ नामजद थी, इसमें दो सौ लोगों की भीड़ द्वारा मारपीट करने की बात कही गई थी।
पहलू खान ने जिन छह लोगों को के खिलाफ नामजद आरोप लगाए थे, उन्हें अलवर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। इस फैसले को पहलू खान के परिजनों के साथ ही राज्य सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर अभी सुनवाई चल रही थी। इसी से जुड़े मामले में पुलिस ने पहलू खान उसके दोनों बेटों और ट्रक चालक को गोतस्कर बताते हुए एफआईआर दर्ज की थी। पहलू खान के दोनों बेटों और ट्रक चालक ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी, जिस पर बुधवार को न्यायाधीश पंकज भंडारी ने फैसला सुनाया।