Panther Attack: राजस्थान में सवाईमाधोपुर में पैंथर के हमले से दो महिलाओं की मौत
Panther Attack सवाईमाधोपुर जिले के गुड़ला गांव में शनिवार को तीन पैंथरों ने दो महिलाओं पर हमला कर दिया। दोनों महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। ये महिलाएं प्रतिदिन की तरह शनिवार को भी बकरियां चराने जंगल में गई थीं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में सवाईमाधोपुर जिले के गुड़ला गांव में शनिवार को तीन पैंथरों ने दो महिलाओं पर हमला कर दिया। दोनों महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। ये महिलाएं प्रतिदिन की तरह शनिवार को भी बकरियां चराने जंगल में गई थीं। दोनों महिलाएं शांति देवी और रजंति देवी बकरियों को बनास नदी के किनारे चरा रही थीं। इसी बीच, जंगल से छिपकर बैठे तीन पैंथरों ने अचानक दोनों महिलाओं पर हमला कर दिया। इनमें शांति देवी की बांईं आंख व गर्दन पर पैंथर के पंजे गहरे घाव थे। वहीं, रजंति देवी की गर्दन पैंथर के पंजे के वार से टूट गई। इस तरह दोनों की मौत हो गई। आवाज सुनकर गांव के लोग हाथाें ले लाठियां लेकर मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक पैंथर जंगल की तरफ निकल गए थे। वन और पुलिस विभाग की टीम ने दोनों महिलाओं के शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजे। जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए। एक बार तो परिजनों ने शव लेने से इनकार किया। इसके बाद मुआवजे की मांग की, लेकिन बाद में समझाइश के बाद परिजन शव लेने को तैयार हो गए। वन विभाग के रेंजर लक्ष्मीकांत जैमन ने बताया कि पैंथर की छानबीन की तो पगमार्ग मिले। पैंथरों की तलाश की जा रही है।
इससे पहले गत मार्च में राजस्थान में उदयपुर शहर के समीप सलूम्बर मार्ग पर केवड़ा की नाल क्षेत्र में पैंथर ने पांच साल की एक बालिका को शिकार बना लिया। घटना रविवार देर रात उदयपुर-सलूम्बर मार्ग पर केवड़ा की नाल क्षेत्र के केवड़ा खुर्द उपला फला गांव की है और घटना के समय पांच साल की बालिका ललिता मीणा अपने पिता किशन लाल मीणा के साथ घर के आंगन में सो रही थी। बाकी परिजन उनके घर के अंदर सोए हुए थे। रात लगभग दो-तीन बजे के दौरान दबे पांव पहुंचे पैंथर ने बालिका को दबोचा तथा उठा ले गया। इसकी भनक उसके पिता तक को नहीं लग पाई। सोमवार सुबह परिजनों ने बालिका ललिता को नदारद देखा तो उन्होंने घर के आंगन में पैंथर के पंजों के निशान देखकर शंका जताई और वन विभाग को सूचित किया।