डूंगरपुर उपद्रव में शामिल थे बाहरी लोग, गुजरात के सरपंच तथा डिस्कॉम कर्मचारी को किया नामजद
शिक्षक भर्ती विवाद को लेकर पिछले दिनों डूंगरपुर तथा उदयपुर में भड़के उपद्रव में बाहरी लोग भी शामिल थे डूंगरपुर जिला पुलिस ने गुजरात के एक सरपंच तथा दौसा जिले के एक डिस्कॉम कर्मचारी के खिलाफ उपद्रव भड़काने का मामला दर्ज किया है।
उदयपुर, जागरण संवाददाता। शिक्षक भर्ती विवाद को लेकर पिछले दिनों डूंगरपुर तथा उदयपुर में भड़के उपद्रव में बाहरी लोग भी शामिल थे, यह पुलिस की प्रारंभिक जांच से जाहिर हो गया है। डूंगरपुर जिला पुलिस ने गुजरात के एक सरपंच तथा दौसा जिले के एक डिस्कॉम कर्मचारी के खिलाफ उपद्रव भड़काने का मामला दर्ज किया है।
डूंगरपुर जिला पुलिस बुधवार रात तक उपद्रव भड़काने के मामले में 73 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इन सभी के खिलाफ आगजनी, तोड़फोड़ के साथ लूट तथा डकैती के भी मामले दर्ज किए गए हैं। कांकरी डूंगरी पर धरने में शामिल जनजाति अभ्यर्थियों को भड़काने में सहयोग करने पर पुलिस ने दौसा के डिस्कॉम कर्मचारी बनवारीलाल मीणा को भी नामजद किया है।
जयपुर डिस्कॉम के लिए बांदीकुई में नियुक्त तकनीकी सहायक के रूप में सेवारत इस कर्मचारी को विभाग की ओर चीफ पर्सनल ऑफिसर राकेश शर्मा ने निलंबित कर नोटिस देकर पूछा कि वह विभाग की सूचना दिए बगैर
कांकरी डूंगरी किस लिए गया। इसी तरह गुजरात के एक सरपंच और एक सरकारी कर्मचारी का भी वीडियो वायरल हो रहा है और पुलिस ने उसके खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है।
उप सरपंच से की जा रही है पूछताछ
उपद्रव भड़काने के मामले में बांसवाड़ा जिले के एक उप सरपंच तथा अन्य कुछ लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है। बताया गया कि उन्हें हिरासत में लिया गया है।
भाजपा-कांग्रेस नेताओं का आरोप सही साबित
डूंगरपुर उपद्रव के मामले में भाजपा तथा कांग्रेस के नेता पहले से ही यह दावा कर रहे थे कि बाहरी लोगों ने डूंगरपुर के आंदोलनकारियों को भड़काया और उपद्रव की शुरूआत की थी। इसी के चलते चार दिन तक हिंसक वारदातें होती रहीं। पुलिस की जांच में साबित होने पर कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य एवं पूर्व सांसद रघुवीर मीणा का कहना है कि राजस्थान के आदिवासी उपद्रवी नहीं, उन्हें भड़काने की बात वह शुरू से कहते आ रहे थे, जो अब साबित हो चुकी है। इसी तरह डूंगरपुर जिले के भाजपा नेता भी बाहरी लोगों के उपद्रव में शामिल होने का दावा करते आ रहे थे।