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अनाथ बच्चों को विदेशी दंपतियों को नहीं दिया गोद, मेनका गांधी ने सीधे अधिकारी को किया फोन

मेनका गांधी ने सीधे जिले की उप निदेशक को टेलिफोन कर दिया। यह अपने आप में एक अनूठा मामला माना जा रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 03:36 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 03:36 PM (IST)
अनाथ बच्चों को विदेशी दंपतियों को नहीं दिया गोद, मेनका गांधी ने सीधे अधिकारी को किया फोन
अनाथ बच्चों को विदेशी दंपतियों को नहीं दिया गोद, मेनका गांधी ने सीधे अधिकारी को किया फोन

जयपुर, जागरण संवाददाता। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के एक टेलिफोन से राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में दो दिन से हड़कंप मचा हुआ है। मेनका गांधी ने प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की उप निदेशक ममता सिंघल को बृहस्पतिवार को टेलिफोन कर के पांच अनाथ बच्चों को दत्तक ग्रहण की मंजूरी नहीं देने का कारण पूछा।

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इन बच्चों को स्पेन और न्यूजीलैंड के दंपति गोद लेना चाहते है। अचानक केन्द्रीय मंत्री का सीधे फोन आने से एक बार तो उप निदेशक घबरा गई। उप निदेशक ने मामला कोर्ट में लंबित होने का हवाला देकर खुद के स्तर पर कोई कार्रवाई लंबित नहीं होने की बात कही। मेनका गांधी के फोन के बाद शुक्रवार को भी विभाग में हड़कंप मचा रहा। मेनका गांधी के फोन के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को बैठक कर रिपोर्ट केन्द्रीय मंत्री को भेजी।

मेनका गांधी को इसलिए करना पड़ा टेलिफोन

भरतपुर के पांच अनाथ बच्चों को विदेशी दंपति गोद लेना चाहते थे। पांचों बच्चों को गोद लेने के लिए केन्द्रीय स्तर पर औपचारिकताएं पूरी हो चुकी है। केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) से मंजूरी मिल चुकी है। दत्तक ग्रहण के प्रावधानों के मुताबिक अनाथ बच्चों को गोद देने की प्रदेश स्तर की प्रक्रिया काफी समय से लंबित चल रही है।

यह मामला लंबे समय से अटका होने की जानकारी मेनका गांधी को मिली तो उन्होंने भरतपुर की उप निदेशक को सीधे टेलिफोन कर दिया। जानकारी के अनुसार पांचों अनाथ बच्चों को विदेशी दंपतियों को गोद देने में सबसे बड़ा पेच कोर्ट के फैसले पर अटक हुआ है। पारिवारिक न्यायालय के फैसले के बाद ही प्रदेश स्तर पर दी जाने वाली दत्तक ग्रहण की मंजूरी की औपचारिकताएं पूरी होगी।

मेनका गांधी का टेलिफोन आने के बाद सामाजिक न्याय एवं अधािकारिता विभाग ने इस मामले को कोर्ट में देख रहे वकील को हटाकर दूसरा वकील करने का फैसला कर लिया ।

केन्द्रीय मंत्री के सीधे जिला स्तर के अधिकारी को फोन करने का अनूठा मामला

आमतौर पर प्रदेश से जुड़े किसी भी मामले में केन्द्रीय मंत्री संबंधित महकमें के मंत्री अथवा मुख्य सचिव से बात करते है,लेकिन मेनका गांधी ने सीधे जिले की उप निदेशक को टेलिफोन कर दिया। यह अपने आप में एक अनूठा मामला माना जा रहा है। उप निदेशक ममता सिंघल का कहना है कि केन्द्रीय मंत्री का फोन आया था,मैने उन्हे पूरे प्रकरण की जानकारी दे दी है।  


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