Rajasthan: युवक कांग्रेस के नतीजों की आधिकारिक घोषणा अटकी, गड़बड़ी की जांच के लिए कमेटी गठित
Rajasthan Youth Congress. कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही अब संगठन चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan Youth Congress. राजस्थान में युवक कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव विवादों में फंस गए हैं। चुनाव में गड़बड़ी की शिकायत पहुंचने के बाद नतीजों की अधिकारिक घोषणा रोक दी गई है। युवक कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने गड़बड़ियों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही अब संगठन चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को आधिकारिक नतीजे घोषित किए जाने थे। पिछले दिनों हुए युवक कांग्रेस के चुनाव के बाद अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों को मिले वोटों के आंकड़े तीन मार्च को जारी किए गए थे। इन आंकड़ों के लिहाज से सुमित भगासरा को सबसे अधिक वोट मिले थे।
उल्लेखनीय है कि युवक कांग्रेस के संगठन चुनाव में पहली बार ऑनलाइन एप के जरिए वोटिंग हुई थी। ऑनलाइन वोटिंग पर कई उम्मीदवारों ने सवाल उठाते हुए इसका विरोध किया था। युवक कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे कई उम्मीदवारों ने केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण में गड़बड़ियों की शिकायत की थी। प्रदेशाध्यक्ष के उम्मीदवार सत्यवीर आलोरिया, राकेश मीणा और रोमा जैन ने दिल्ली में यूथ कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन भी किया था। इन उम्मीदवारों ने ऑनलाइन वोटिंग में भारी धांधली का आरोप लगाया है।
इनका आरोप है कि इनके खुद के वोट भी प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार के खाते में चले गए, बिना गड़बड़ी किए यह संभव नहीं है। ऑनलाइन वोटिंग में मतदान प्रतिशत 25 फीसद से भी कम रहा था। गड़बड़ियों की जांच के लिए कमेटी बनने के बाद अब आधिकारिक नतीजों की घोषणा में देरी के आसार हैं। पंजाब के संगठन चुनावों में भी इसी तरह की गड़बड़ियों की शिकायतें मिलने के बाद जांच कमेटी बनी थी और नतीजे घोषित होने में एक माह से ज्यादा का वक्त लगा था।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में सियासी संकट से जूझ रही कांग्रेस के लिए अब राजस्थान में भी मुसीबतें बढ़ सकती हैं। दरअसल, करीब छह माह पूर्व बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के फैसले को भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के समक्ष चुनौती दी है। भाजपा इस मुद्दे को लेकर कोर्ट में भी जाने की तैयारी कर रही है। राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर दी गई चुनौती ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी नेतृत्व के लिए चिंता पैदा कर दी है।