Rajya Sabha Election 2022: राजस्थान से बाहरी नेताओं को राज्यसभा में भेजने का विरोध, विधायकों की समझाइश में जुटे अशोक गहलोत
Rajya Sabha Election 2022 राजस्थान में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कहा कि तीनों कांग्रेस के उम्मीदवार बाहरी हैं। हमारे लिए संतोष की बात यह है कि भाजपा प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी कुछ समय के लिए कांग्रेस में रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों के लिए 10 जून को होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस ने तीन प्रत्याशी घोषित किए हैं। तीनों प्रत्याशी बाहरी होने के कारण प्रदेश के नेता विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कहा कि तीनों कांग्रेस के उम्मीदवार बाहरी हैं। हमारे लिए संतोष की बात यह है कि भाजपा प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी कुछ समय के लिए कांग्रेस में रहे हैं। वह स्थानीय हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के तीनों उम्मीदवारों का राज्यसभा में अवश्य लाभ मिलेगा, लेकिन विधायक के नाते मेरी पीड़ा यह है कि यह नेता चुनाव जीतने के बाद "लाट साहब" बन जाएंगे। विधायकों व कार्यकर्ताओं से मिलने का इनके पास समय नहीं रहेगा। लोकसभा व विधानसभा का चुनाव लड़ने की बड़े नेता हिम्मत नहीं करते हैं।
सीएम के समक्ष दर्ज करवाया विरोध
सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि राजस्थान के किसी भी नेता को राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं बनाने का क्या कारण है। उन्होंने पुनर्विचार करने की बात कही है। लोढ़ा ने सीएम के समक्ष भी बाहरी नेताओं को प्रत्याशी बनाए जाने पर विरोध दर्ज करवाया है। उन्होंने कहा कि बाहरी नेताओं को प्रत्याशी बनाने से कांग्रेसियों को बाहरी निराशा हुई है। कांग्रेस ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक,प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। वासनिक महाराष्ट्र, सुरजेवाला हरियाणा और तिवारी उत्तर प्रदेश से हैं। प्रदेश के नेताओं को उम्मीद थी कि एक बाहरी के साथ ही दो स्थानीय नेताओं को प्रत्याशी बनाया जाएगा, लेकिन पार्टी आलाकमान ने तीनों ही सीटों पर बाहरी नेताओं को प्रत्याशी बनाया है। सूत्रों के अनुसार, पांच निर्दलीय विधायकों ने भी बाहरी नेताओं को प्रत्याशी बनाए जाने पर नाराजगी जताई है। इन विधायकों ने कहा कि बाहरी नेता प्रदेश के विकास में कोई दिलचस्पी नहीं लेते हैं। सीएम अशोक गहलोत अब निर्दलीय विधायकों को मनाने में जुट गए हैं। वहीं, कुछ विधायकों से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बात की है।
विधायकों के साथ प्रत्याशियों ने संवाद किया
इस बीच, सोमवार शाम को मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस और सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों की बैठक हुई। बैठक में वासनिक, सुरजेवाला और तिवारी भी मौजूद रहे। बैठक में तीनों प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों पर प्रस्तावक विधायकों के हस्ताक्षर करवाए गए। तीनों प्रत्याशी मंगलवार को विधानसभा में नामांकन-पत्र दाखिल करेंगे। कांग्रेस के तीनों प्रत्याशी चुनाव जीतते हैं तो प्रदेश से राज्यसभा में पार्टी के छह सांसद हो जाएंगे। इनमें एकमात्र नीरज डांगी स्थानीय है । पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, कांग्रेस के संगठन महसचिव केसी वेणुगोपाल भी बाहरी हैं।
यह है वोटों का गणित
कांग्रेस को तीनों प्रत्याशियों की जीत के लिए 123 वोट चाहिए । कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल के एकमात्र विधायक को मिलाकर 109 वोट हैं। 13 निर्दलीय विधायक गहलोत सरकार का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन अब बाहरी प्रत्याशियों पर कुछ निर्दलीय विधायक नाराज हैं। भारतीय ट्राइबल पार्टी व माकपा के दो-दो विधायक गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे हैं। लेकिन भारतीय ट्राइबल पार्टी आदिवासी नेता को राज्यसभा में भेजने की मांग कर रही थी । ऐसे में का क्या रूख रहेगा यह आगामी एक-दो दिन में तय होगा। विधानसभा में 200 विधायक हैं।
भाजपा विधायक दल की बैठक
भाजपा विधायक दल की सोमवार को विधानसभा भवन में बैठक हुई। इस बैठक में पार्टी प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी,पूर्व सीएम वसुंधरा राजे,प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने संबोधित किया। तिवाड़ी मंगलवार को नामांकन-पत्र दाखिल करेंगे।