Rajasthan: भाजपा में सीएम फेस की जंग पर अरुण सिंह बोले, जरूरी नहीं पोस्टर में दिखे वही सीएम बने
Rajasthan राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर भाजपा में चल रही रस्साकशी पर अरुण सिंह ने कहा कि अभी कोई सीएम फेस नहीं है। वसुंधरा राजे व सतीश पूनिया खेमों के बीच चल रही खींचतान को खत्म कराने के लिए अरुण सिंह वर्करों से संवाद कर रहे हैं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर भाजपा में चल रही रस्साकशी की चर्चा करते हुए कहा कि अभी कोई सीएम फेस नहीं है। उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में वहां पर पोस्टरों में चार चेहरे लगाए गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री कोई दूसरा ही बन गया। राजस्थान में भी जरूरी नहीं कि जो पोस्टर में दिखे वही मुख्यमंत्री भी बने। कोटा में शनिवार को मीडिया से बात करते हुए अरुण सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबको साथ लेकर चलने की सोच रखते हैं। उनका उदार हृदय है, इसलिए ही कृषि कानून वापस ले लिए। पीएम के इस निर्णय का सभी लोग अभिनंदन कर रहे हैं। अरुण सिंह कोटा संभाग के बारां, बूंदी, झालावाड़ और कोटा जिलों में कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे। उल्लेखनीय है कि पार्टी को निचले स्तर तक सक्रिय करने के लिहाज से भाजपा चिंतन बैठक और प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रही है। इनमें संगठन के पदाधिकारियों के साथ ही कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जा रहा है। पिछले काफी समय से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया खेमों के बीच चल रही खींचतान को खत्म कराने के लिए अरुण सिंह खुद जिलों में जाकर कार्यकर्ताओ के साथ संवाद कर रहे हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में अभी दो साल शेष है, लेकिन 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सीएम फेस (मुख्यमंत्री के चेहरे) को लेकर भाजपा में अभी से सियासी संघर्ष शुरू हो गया है। भाजपा के प्रदेश नेतृत्व के साथ अदावत के चलते करीब दो साल से सियासी फील्ड से दूर रही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के एक बयान ने सीएम फेस को लेकर जंग छेड़ दी है। पिछले दिनों जोधपुर यात्रा पर आईं वसुंधरा ने कहा कि भाजपा से अगला सीएम का फेस वही होगा, जिसे जनता चाहेगी और जो जनता में लोकप्रिय होगा। खुद के चाहने से कोई सीएम नहीं बन सकेगा। बयान के बाद एक गांव में जाकर वसुंधरा ने महिलाओं के साथ संवाद कर मिट्टी कुल्हड़ में बाजरे की राबड़ी भी पी। वसुंधरा ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि जनता के बीच लोकप्रिय वही हैं। वसुंधरा की सक्रियता से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया चौकन्ने हो गए। दो दिन पहले पूनिया भी जोधपुर के दौरे पर पहुंचे। खुद को किसानों के बीच लोकप्रिय दिखाने के लिए उन्होंने खेत में जाकर बाजरा निकाल रहे किसानों की मदद की। पूनिया ने बाजरे की फसल के ढेर पर बैठकर किसानों के साथ चाय भी पी।