Lockdown: राजस्थान के अधिकारियों को फोन करके पूछना होगा राशन मिला या नहीं
Coronavirus. राजस्थान सरकार ने अधिकारियों से कहा गया है कि लाभार्थियों से फोन कर पूछें कि उन्हें राशन मिला या नहीं।
जयपुर, राज्य ब्यूरो। राजस्थान में जरूरतमंद परिवारों को राशन और भोजन सामग्री पहुंचाने के लिए अब सरकार ने अधिकारियों को पाबंद किया है और उनसे कहा गया है कि लाभार्थियों से फोन कर पूछें कि उन्हें राशन मिला या नहीं।
राजस्थान में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के सचिव सिद्धार्थ महाजन ने इस बारे में विभाग से जुड़े अधिकारियों कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े लाभार्थियों को सरकार पूरा राशन उपलब्ध करवा रही है, लेकिन इस बारे में कुछ शिकायतें भी मिल रही हैं। ऐसे में अब लाभार्थियों को लॉकडाउन अवधि के दौरान उचित मूल्य दुकानदारों द्वारा गेहूं का वितरण किया है या नहीं, इसकी जानकारी के लिए जिला रसद अधिकारियों को फोन कर लाभार्थियों से पूछकर सुनिश्चित करना है कि राशन मिला है या नहीं।
गेहूं अनियमित उठाव कर रहे हैं राशन डीलर
दरअसल, राजस्थान में लाॅकडाउन की अवधि के दौरान इस तरह की शिकायतें आ रही हैं कि राशन डीलर अंतर जिला पोर्टेबिलिटी सुविधा का दुरुपयोग कर दूसरे जिले के राशन कार्ड की एंट्रियां कर गेहूं का गबन कर रहे हैं और राशन का यह गेहूं आटा मिलों को बेचा जा रहा है। इसी के चलते अब राशनकार्ड की अंतरजिला पोर्टेबिलिटी बंद कर दी गई है और जिन राशन डीलरों द्वारा दूसरे जिले के राशन कार्ड से गेहूं अनियमित रूप से उठाया गया है, उसकी जांच करवाई जा रही है।
विभाग ने राजस्थान के दौसा एवं बांसवाडा जिले के जिला रसद अधिकारियों को लॉकडाउन अवधि में पीडीएस के तहत रसद वितरण में लापरवाही बरतने के कारण निलंबित भी कर दिया है। इसके अलावा माॅनिटरिंग नहीं करने एवं लापरवाही करने पर अजमेर प्रथम व द्वतीय, भरतपुर एवं अलवर के जिला रसद अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेश में लॉकडाउन अवधि के दौरान अंतर जिला पोर्टेबिलिटी को बंद किया गया है, ताकि राशन डीलरों द्वारा की गई अनियमितता पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने बताया कि जिलों में प्रवर्तन अधिकारी एवं प्रवर्तन निरीक्षकों द्वारा प्रतिदिन मापदंडानुसार निरीक्षण नहीं किया जाता है तो उन्हें चार्जशीट दी जाएगी।