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Rajasthan: दिल्ली के राजस्थान हाउस तोड़ने के मामले में अधिकारियों के साथ मारपीट व बदसलूकी

सरकार ने करीब 34 साल पुराने भवन को तोड़कर नया अत्याधुनिक भवन बनाने का निर्णय लिया है। राजस्थान सरकार दिल्ली में स्थित अपने इस भवन को अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त बनाना चाहती है। इसके लिए पुराने भवन को तोड़कर नया बनाने का निर्णय इस साल फरवरी में लिया गया था।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 03:08 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 03:08 PM (IST)
Rajasthan: दिल्ली के राजस्थान हाउस तोड़ने के मामले में अधिकारियों के साथ मारपीट व बदसलूकी
Rajasthan: दिल्ली के राजस्थान हाउस तोड़ने के मामले में अधिकारियों के साथ मारपीट व बदसलूकी

जयपुर, जागरण संवाददाता। दिल्ली के पृथ्वीराज रोड़ स्थित राजस्थान हाउस के मौजूदा भवन को तोड़कर उसे नए सिरे से बनाने को लेकर विवाद हो गया है। राजस्थान सरकार दिल्ली में स्थित अपने इस भवन को अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त बनाना चाहती है। इसके लिए पुराने भवन को तोड़कर नया बनाने का निर्णय इस साल फरवरी में लिया गया था। अब विवाद इस बात को लेकर हुआ कि जिस ठेकेदार को भवन तोड़ने का ठेका दिया गया था । उसने सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों को विश्वास में लिए बिना ही तोड़फोड़ प्रारम्भ कर दी ।

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राजस्थान सरकार दिल्ली में स्थित अपने इस भवन को अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त बनाना चाहती है। इसके लिए पुराने भवन को तोड़कर नया बनाने का निर्णय इस साल फरवरी में लिया गया था। राजस्थान हाउस से कीमती सामान बाहर ले गया। प्रदेश की मुख्य सचिव उषा शर्मा तक इस बारे में शिकायत पहुंची तो उन्होंने जांच के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के संयुक्त सचिव हरसहाय मीणा सहित चार अधिकारियों को दो दिन पहले दिल्ली भेजा था। सोमवार को मौके पर पहुंचे मीणा सहित चार अधिकारियों ने कीमती सामान ले जा रहे ठेकेदार के कर्मचारियों को रोका तो उन्होंने मारपीट शुरू कर दी। अधिकारियों के साथ बदसलूकी भी की गई। इस पर मीणा और राजस्थान हाउस के प्रबंधक प्रमोद कुमार शर्मा ने ठेकेदार के दो प्रतिनिधियों फैजल एवं वसीम के खिलाफ नामजद मामला दर्ज करवाया है।

मीणा ने बताया कि रार्जस्थान हाउस के भवन को तोड़ने का अधिकारिक कार्य आदेश मिलने से पहले ही तोड़फोड़ करने एवं कीमती सामान बाहर निकाले जाने की शिकायत की जांच के लिए टीम मौके पर पहुंची तो ठेकेदार के प्रतिनिधियों ने मारपीट और बदसलूकी की थी। जानकारी के अनुसार भवन तोड़ने का ठेका ठेकेदार को दिए जाने का निर्णय तो हो गया था, लेकिन अधिकारिक आदेश अब तक जारी नहीं किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि सरकार ने करीब 34 साल पुराने भवन को तोड़कर नया अत्याधुनिक भवन बनाने का निर्णय लिया है। 


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