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अशोक गहलोत ने कहा- अब नहीं चलेंगे सरपंच पति, महिलाएं निकल रही है घूंघट से बाहर

महिलाएं आगे आ रही है और उन्हें अब घूंधट में कैद करके नहीं रखा जा सकता। जब तक घूंघट रहेगा तब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ सकती। अब घूंघट का जमाना गया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 03:45 PM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 03:45 PM (IST)
अशोक गहलोत ने कहा- अब नहीं चलेंगे सरपंच पति, महिलाएं निकल रही है घूंघट से बाहर
अशोक गहलोत ने कहा- अब नहीं चलेंगे सरपंच पति, महिलाएं निकल रही है घूंघट से बाहर

जयपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कांग्रेस ने पंचायतों और स्थानीय निकायों में महिलाओं को ताकत दी, हालांकि इसके चलते शुरूआत में सरपंच पतियों की एक नई जमात खडी हो गई, लेकिन अब यह सम्भव नहीं है। महिलाएं आगे आ रही है और उन्हें अब घूंधट में कैद करके नहीं रखा जा सकता। जब तक घूंघट रहेगा तब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ सकती। अब घूंघट का जमाना गया।

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मुख्यमंत्री गहलोत मंगलवार को जयपुर में एकल नारी शक्ति संगठन के कार्यक्रम ‘जश्न एक बहनचारे का‘ में महिलाओं को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में मंच पर भी महिलाएं ही थी और मंच के सामने भी सिर्फ महिलाएं ही थी। हालांकि गहलोत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।

कार्यक्रम में महिलाओं ने अपने अधिकारों की बात की और यह भी दर्शाया की विधवा, परितक्यता या तलाकशुदा होने के बावजूद उनके हौसले कमजोर नहीं है। इस मौके पर गहलोत ने कहा कि महिला अत्याचारों पर सरकार गंभीर है। इसके लिए हमने तय किया है कि महिला अत्याचारों की जांच अब डिप्टी एसपी स्तर का अफसर ही करेगा।

राजस्थान के गांवों में चलने वाली डायन प्रथा के बारे में गहलोत ने कहा कि डायन होती ही नहीं हैं। उन्होने कहा कि मैं तो खुद मैजिशियन हूं। जादू में कुछ जादू नहीं होता, केवल ट्रिक होती है, ट्रिक से ही लगता है कि जादू है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्गा के रूप में आप सभी यहां बैठी हुई हो। आपके अंदर काम करने का और संघर्ष करने का जज्बा है।

उन्होने कहा कि संघर्ष का जो जज्बा पूर्व पीएम इंदिरा गांधी में था, वो देश की प्रत्येक नारी में होना चाहिए तभी देश आगे बढ़ेगा। इंदिरा गांधी ने देश के लिए बलिदान दिया और यही कारण है कि अटलजी ने भी इंदिराजी को दुर्गा का रूप बताया था।

राजस्थान में चल रहा एकल महिला संगठन पिछले दो दशक से विधवा, तलाकशुदा, परित्यकता व उन महिलाओं के लिए काम कर रहा है जिनकी किसी वजह से शादी नहीं हो पाई। दिवाली के बाद भाई दूज मनाया जाता है, लेकिन इस संगठन ने आज महिलाओं के लिए बहिनादूज का त्योंहार मनाकर बहिनचारे का जश्न मनाया।  


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