रेलवे अस्पताल में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे मुख्यालय की विजिलैंस टीम का छापा, रिकॉर्ड ले गई साथ
नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे मुख्यालय की विजिलैंस टीम अचानक रेलवे अस्पताल में आ धमकी। तीन सदस्यीय टीम को देखकर अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
अजमेर, जागरण संवाददाता। नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे मुख्यालय की विजिलैंस टीम अचानक रेलवे अस्पताल में आ धमकी। तीन सदस्यीय टीम को देखकर अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विजिलैंस टीम ने शनिवार को लगभग 11 बजे सीधे मंडल औषधि भंडार में गई। टीम ने सबसे पहले दवाइयों का भौतिक निरीक्षण किया। टीम में शामिल फार्मासिस्ट ने बारीकी से भण्डार में उपलब्ध दवाइयों औऱ उनसे संबंधित वाउचरों का गहराई से अवलोकन करने के बाद कुछ रिकॉर्ड अपने साथ ले गई। यह पहला अवसर नहीं है, जब विजिलैंस टीमें अपने साथ मेडीकल का रिकॉर्ड ले गई है। लेकिन आज तक रिकॉर्ड में क्या निकला, इसका खुलासा सामने नहीं आया है। इस बात की हमेशा कर्मचारियों के बीच चर्चा बनी रहती है।
औषधि भंडार की छानबीन करने के बाद टीम ने अस्पताल ओपीडी इन्चार्ज लक्ष्मण सिंह रावत को रोजाना मरीजों की दवाइयों की खरीद फरोख्त से सम्बंधित दस्तावेज़ और उपलब्ध दवाइयों के साथ तलब किया। साथ ही खरीदी गई दवाइयों का लेखा जोखा रखने वाले फर्मासिस्ट यश शर्मा से दवाइयों के वितरण की प्रक्रिया को समझा। यहां से भी विजीलैंस टीम कुछ रिकॉर्ड जांचने के लिए अपने साथ जयपुर मुख्यालय लेकर रवाना हो गई। विजिलैंस टीम की कार्रवाई देर शाम करीब सात बजे तक चली।
डीआरएम और एडीआरएम ने किया रेलवे अस्पताल का औचक निरीक्षण
अजमेर मंडल के मंडल रेल प्रबन्धक और अपर रेल मंडल प्रबन्धक ने स्थानीय मंडल चिकित्सालय का शनिवार को औचक निरीक्षण किया। दोनों अधिकारियों ने अस्पताल के आपातकालीन कक्ष सहित मेल मेडिकल वार्ड, फीमेल मेडिकल वार्ड, फीमेल सर्जिकल वार्ड, गायनिक वार्ड आदि का दौरा किया।
मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में अस्पताल में मरम्मत का काम चलने के कारण गायनिक वार्ड में ही तीनों वार्डों के मरीजों को भर्ती कर रखा है। गौरतलब है कि फीमेल मेडिकल वार्ड में भर्ती महिला मरीज की मौत के बाद कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इन अधिकारियों ने ऑपरेशन थियेटर का भी गहनता से जायजा लिया। डीआरएम के निरीक्षण में डॉ पीसी मीणा भी साथ थे। डॉ मीणा से दोनों आला अधिकारियों ने चिकित्सा से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी जुटाई। जानलेवा कोरोना महामारी के खौफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दोनों अधिकारियों में से किसी ने भी कोविड वार्ड का दौरा करने की हिम्मत नहीं जुटाई।
दोनों आला अधिकारियों के शनिवार के निरीक्षण की खास बात यह रही कि सीएमएस अस्पताल की ओटी को आधुनिक संसाधनयुक्त तथा प्रत्येक मरीज के लिए अलग अलग ब्लॉक बनाना चाहते है। इसी विषय में उन्होंने दौरे पर आए डीआरएम नवीन कुमार परशुरामका से चर्चा की। पहले तो परशुरामका ने सीएमएस की योजना पर सहमति जता दी, किन्तु कार्य पर आने वाले खर्चे के भुगतान पर चुप्पी साध कर लौट गए।