सार्वजनिक क्षेत्र में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं: शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला
शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि फिलहाल राज्य की भर्तियों में स्थानीय निवासियों के लिए अलग से आरक्षण का प्रावधान नहीं है। बता दें कि कल्ला भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी के एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
जयपुर, एजेंसी। राजस्थान में सार्वजनिक क्षेत्र में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने के मामले में मंगलवार को अशोक गहलोत सरकार ने जानकारी दी है। सरकार ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
वासुदेव देवनानी के एक सवाल का शिक्षा मंत्री ने दिया जवाब
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि फिलहाल राज्य की भर्तियों में स्थानीय निवासियों के लिए अलग से आरक्षण का प्रावधान नहीं है। बता दें कि कल्ला, भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार सार्वजनिक भर्ती में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने के बारे में सोच रही है।
निवास स्थान के आधार पर सार्वजनिक रोजगार में भेदभाव नहीं किया जा सकता
उन्होंने कहा कि सभी सेवा नियमों के 'राष्ट्रीयता' खंड के तहत भारत के नागरिक होने का प्रावधान है और संविधान के अनुच्छेद 16 (2) के अनुसार, निवास स्थान के आधार पर सार्वजनिक रोजगार में भेदभाव नहीं किया जा सकता है।मंत्री ने आगे कहा कि अनुच्छेद 16 (3) के अनुसार, केवल संसद को निवास स्थान के आधार पर सार्वजनिक रोजगार के संबंध में कानूनी प्रावधान करने का अधिकार है।
यह भी पढ़ें: Rajasthan: सरकारी नौकरी के लालच में हैवान बना पिता, पांच महीने की मासूम को नहर में फेंका; दंपति गिरफ्तार