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राजस्थान में सौर ऊर्जा, पर्यटन, पेयजल और शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की जरूरत

NK Singh. 15वें वित्त आयोग का मानना है कि राजस्थान को सौर ऊर्जा पेयजल पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम करने की जरूरत है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 12:21 PM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 12:32 PM (IST)
राजस्थान में सौर ऊर्जा, पर्यटन, पेयजल और शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की जरूरत
राजस्थान में सौर ऊर्जा, पर्यटन, पेयजल और शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की जरूरत

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान के दौरे पर आए 15वें वित्त आयोग का मानना है कि राजस्थान को सौर ऊर्जा, पेयजल, पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम करने की जरूरत है। पर्यटन के क्षेत्र में तो राजस्थान ने अपनी संभावनाओं का एक प्रतिशत काम भी नहीं किया है, जबकि यह कम लागत में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। तीन दिन से प्रदेश का दौरा कर रहे 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह और अन्य सदस्यों ने राजस्थान में सरकार और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठकों के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि राजस्थान के लिए चार ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें काफी कुछ किया जाना है।

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उन्होंने यह भी कहा कि उदय योजना के कारण प्रदेश का राजकोषीय घाटा काफी बढ़ गया है और सरकार इसे पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है लेकिन राजस्थान में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन के क्षेत्र की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां इस क्षेत्र की संभावनाओं का एक प्रतिशत भी काम नहीं हो पाया है। राजस्थान के ज्यादातर शहरों की दिल्ली से अच्छी कनेक्टिविटी नहीं है। हवाई कनेक्टिविटी तो बहुत कम है। राजस्थान की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए क्या किया जा सकता है, यह सोचना होगा। पर्यटन ही ऐसा क्षेत्र है, जिसमें कम लागत में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया जा सकता है।

सिंह ने कहा कि पेयजल की उपलब्धता राजस्थान की गंभीर समस्या है। सरकार को यहां भूजल रिचार्ज करने और वर्षा जल संरक्षण के परंपरागत उपायों पर काम करना चाहिए। इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र में भी काम करने की जरूरत है।

हर राज्य चाहता है विशेष पैकेज
सिंह ने कहा कि आयेाग 29 राज्यों में से 26 राज्यों में गया है और शायद ही कोई राज्य होगा, जिसने स्पेशल पैकेज नहीं मांगा हो। राज्यों की अपनी चुनौतियां हैं। उनका अध्ययन करने के बाद हम प्राथमिकता तय करेंगे।


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