Move to Jagran APP

Rajasthan: कोटा के जेके लोन अस्पताल में नौ बच्चों की मौत, पिछले साल 110 की गई थी जान

Rajasthan चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा व जिला कलेक्टर उज्वल राठौड़ ने घटना की अस्पताल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। बुधवार देर रात एक साथ नौ बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने मेडिकल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 10 Dec 2020 06:02 PM (IST)Updated: Thu, 10 Dec 2020 06:02 PM (IST)
Rajasthan: कोटा के जेके लोन अस्पताल में नौ बच्चों की मौत, पिछले साल 110 की गई थी जान
कोटा के जेके लोन अस्पताल में नौ बच्चों की मौत। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में एक बार फिर नौ बच्चों की मौत हुई है। बुधवार रात को यहां एक साथ नौ बच्चों की मौत होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा व जिला कलेक्टर उज्वल राठौड़ ने घटना की अस्पताल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। देर रात एक साथ नौ बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने मेडिकल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। दो मृतक बच्चों के परिजन शव को लेकर अस्पताल परिसर में ही बैठ गए, जिन्हें काफी मशक्कत के बाद हटाया गया। परिजनों का आरोप था कि चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ सही तरह से देखभाल नहीं करते। रात्रि ड्यूटी में तैनात स्टाफ सो जाता है।

loksabha election banner

रात में बच्चों की तबीयत बिगड़ती है तो भी ध्यान नहीं देते। ऐसा ही बुधवार को हुआ। यहां जिन बच्चों की मौत हुई, उनके परिजन कोटा के गावड़ी, सिविल लाइंस, बूंदी के कापरेन और कैथून के रायपुरा के रहने वाले हैं। मृतकों में से चार बच्चों का जन्म जेके लोन अस्पताल में ही हुआ था और पांच अन्य अस्पातालों से तबीयत बिगड़ने पर लाए गए थे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल कोटा के जेके लोन अस्पताल में ही 110 बच्चों की मौत की बात सामने आई थी। इतने बड़े पैमाने पर बच्चों की मौत का मामला देशभर मे चर्चित हुआ था। उस समय सरकार ने अस्पताल अधीक्षक सहित कई चिकित्सकों के तबादले किए थे। 

कोटा के जेके लोन अस्पताल में सौ बच्चों की मौत के मामले में केंद्रीय जांच टीम की रिपोर्ट में सामने आया था कि 63 फीसद बच्चों की मौत भर्ती होने के 24 घंटे के भीतर हो गई थी। केंद्रीय जांच टीम की यह रिपोर्ट राज्यसभा में सांसद सुशील कुमार गुप्ता के एक प्रश्न के जवाब में सामने आई थी। सांसद ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या कोटा के जेके लोन अस्पताल में कोई केंद्रीय जांच दल भेजा गया था और यदि गया था तो जांच रिपोर्ट में क्या सामने आया। इसके जवाब में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया था कि जोधपुर स्थित एम्स और स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों की टीम को कोटा भेजा गया था। टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यहां हुई 100 बच्चों की मौतों में से 70 की मौत नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआइसीयू) में और 30 बच्चों की मौत पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) में हुई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.