जयपुर के रंगकर्मी निकले थिएटर वॉक पर, 14 किलोमीटर में 11 प्रस्तुतियां
प्रोसेनियम थिएटर को छोड़ क्यों नहीं कुछ नया किया जाए। इसी मंशा के साथ जयपुर रंगमंच की रंग मस्ताने टोली निकल पड़ी सुबह सवेरे जयपुर की सड़कों पर। घूमते गए बतियाते गए और देते गए प्रस्तुतियां। नाम दिया वॉक थिएटर।
अमित शर्मा, जयपुर। आम तौर पर रंगमंच का नाम आता है तो हमें एक ऑडिटोरियम, सामने दर्शक और लाइट्स, ड्रामा, डायलॉग टाइप की ही तस्वीर दिमाग में बनती है। लेकिन हम ये कहें कि एक प्रयोग ऐसा भी हुआ कि मॉर्निंग वॉक पर कलाकार निकल लिए, शहर घूमते गए, जगह जगह एकाभिनय करते गए, तो कुछ अनोखा, कुछ हटकर और कुछ नया होने का एहसास आपको भी होगा। वॉक थिएटर की ये नई इबारत लिखी है जयपुर रंगकर्मियों ने। यूरोपियन अंदाज में शुरू हुआ यह प्रयोग आने वाले दिनों में और व्यवस्थित नजर आएगा।
यूरोप की सीख, जयपुर में प्रयोग
हाल ही में एम्सटर्डम से लौटे रंगकर्मी अभिषेक मुद्गल ने अपने थिएटर ग्रुप रंग मस्ताने के साथ यह प्रयोग किया है। मुद्गल और उनकी टीम ने इस प्रयोग को वॉक थिएटर नाम दिया है। इसके लिए इन रंगकर्मियों ने परकोटे के जयपुर को चुना। कभी ये गोलछा सिनेमा के सामने तो कभी बड़ी चौपड़ पर हवा महल के सामने छोटे छोटे एक्ट करते नजर आए। अभिषेक मुद्गल ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि घूमते घूमते ये यात्रा 14 किलोमीटर तक चली। कुल 11 शॉर्ट एक्ट इस दरमियान कलाकारों ने किए। कहीं सुबह घूमते हुए राहगीर तो कहीं कुछ सामान खरीदने आए लोग इनके दर्शक बने। इस दौरान टीम के साथ इंटरेक्टिव सेशन भी होते रहे।
वॉक थिएटर दिया नाम
जागरण डॉट कॉम पर मुद्गल के एम्सटर्डम से लौटने पर एक विशेष खबर भी प्रकाशित की गई थी। मुद्गल का कहना है कि नीदरलैंड में उन्हें टैन्ट स्कूल में एक लर्निंग मिली थी। जिसमें एक अभिनेता नीदलैंड से फ्रांस तक पैदल यात्रा पर गया था। रास्ते में उसने अपने अभिनय को जगह जगह लोगों को दिखाया। अभिषेक का कहना है कि उन्हें ये आइडिया बहुत पसंद आया। हालांकि जस की तस तो हमारे यहां नहीं इस्तेमाल किया जा सकता इसलिए उसमें अपना इनपुट डालते हुए शहर में एक वॉक का आइडिया आया और उसे वॉक थिएटर नाम दिया गया।
विनोद जोशी की हैरिटेज वॉक
रंग मस्ताने टीम ने आने वाले समय में इस वॉक को नियमित रखने का निर्णय किया है। अगली थिएटर वॉक से पहले टीम लोगों को समय और स्थान बताएगी ताकि लोग इस दरम्यान कलाकारों की प्रस्तुति देख सकें। गौरतलब है कि एक वक्त में जयपुर में जयपुर विरासत फाउंडेशन हेरिटेज वॉक का आयोजन कराया करती थी। क्यूरेटर विनोद जोशी इस हेरिटेज वॉक में परकोटे के जयपुर की खासियत से पर्यटकों को रूबरू कराया करते थे। अब जयपुर की गलियों में इसी अंदाज में रंगमंच की बाते होंगी, ये एक सुखद एहसास है।