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National Virtual Veda Conference : वेद का प्रचार-प्रसार करने के लिए केंद्र कदम उठाए : गहलोत

समृद्ध ज्ञान का खजाना होने के बावजूद वेदों का प्रचार-प्रसार नहीं हुआ है। शासन चलाने वाले लोगों के जेहन में वेदों का संदेश बैठना चाहिए चाहे वह मंत्री हो या अफसर। जनता को सुशासन देना है तो हमें वेदों को आत्मसात करना होगा। सरकार शिक्षा को प्रोत्साहित कर रही है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 09:02 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 09:02 PM (IST)
National Virtual Veda Conference : वेद का प्रचार-प्रसार करने के लिए केंद्र कदम उठाए : गहलोत
National Virtual Veda Conference : कहा-उदार ह्दय वाले लोगों के लिए पूरा विश्व ही परिवार है।

जागरण संवाददाता, जयपुर : राष्ट्रीय वर्चुअल वेद कांफ्रेंस के समापन समारोह के मौक पर मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि समृद्ध ज्ञान का खजाना होने के बावजूद वेदों का प्रचार-प्रसार नहीं हुआ है। शासन चलाने वाले लोगों के जेहन में वेदों का संदेश बैठना चाहिए, चाहे वह मंत्री हो या अफसर। जनता को सुशासन देना है तो हमें वेदों को जीवन में आत्मसात करना होगा। 

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उदार ह्दय वाले लोगों के लिए पूरा विश्व ही परिवार 

गहलोत ने कहा कि हम 'वसुधैव कुटुंबकम' की बात करते हैं। यह हमारे देश की मूल भावना है। दुनिया में यह संदेश पहुंचना चाहिए। इस भावना को दुनिया तक पहुंचाकर ही भारत विश्व का नेतृत्व कर सकता है। यह अपना है और यह पराया, इस तरह की बात छोटी सोच के लोग करते हैं। उदार ह्दय वाले लोगों के लिए पूरा विश्व ही परिवार है। 

देश में छुआछूत की भावना कितना बड़ा कलंक है

उन्होंने कहा कि इस काम के लिए केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए। जय जगह की बात बिनोबा भावे और महात्मा गांधी ने कही थी, लेकिन वर्तमान में जय जगह को छोडिए हमारे देश में क्या हो रहा है। हमारे परस इतना बड़ा खजाना है, जिस देश की भावना सदियों से वसुधैव कुटुंबकम की रही हो उस देश में छुआछूत की भावना कितना बड़ा कलंक है। 

वेद यूनिवर्सिटी से पहले स्कूल-कॉलेज मजबूत हों 

जब तक यह कलंक नहीं मिलेगा हम कैसे दुनिया में अपना संदेश पहुंचाएंगे। गहलोत ने कहा कि वेद विद्यालय और खोलने के लिए संभावना तलाशी जानी चाहिए। वेद यूनिवर्सिटी से पहले वेद स्कूल और कॉलेज मजबूत होने चाहिए। जब छात्र नहीं मिलेंगे तो दिक्कत होगी। 

मौजूदा हालात में वेदों को आत्मसात करना जरूरी

उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में वेदों को आत्मसात करना जरूरी है। चारों वेद का खजाना बहुत बड़ा है। इस मौके पर कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला ने कहा कि वेदों की शिक्षएं हर युग में प्रासंगिक है। राज्य सरकार लगातार वेदों की शिक्षा को प्रोत्साहन करने का काम कर रही है।


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