Rajasthan: एक दिन में सर्वाधिक 14,790 कनेक्शन, 37 लाख से ज्यादा ग्रामीण परिवारों तक पहुंचा नल से जल
प्रदेश में कुल 37 लाख 26 हजार ग्रामीण परिवारों तक नल के माध्यम से जल पहुंच गया है। मार्च 2023 में पिछले एक सप्ताह का औसत 12 हजार 332 कनेक्शन प्रतिदिन जबकि पिछले 22 दिन का औसत 9269 एफएचटीसी प्रतिदिन है।
जयपुर, जेएनएन। निरंतर मॉनिटरिंग एवं मुख्यमंत्री स्तर तक जल जीवन मिशन की लगातार हुई समीक्षा का असर धरातल पर नजर आ रहा है। जनवरी माह से अभी तक के प्रतिदिन जल कनेक्शन की प्रगति में राजस्थान देश के टॉप 5 राज्यों में रहा है।
जनवरी से मार्च माह में अभी तक 5.5 लाख कनेक्शन हुए हैं। अकेले मार्च माह के 22 दिन में ही 2 लाख जल कनेक्शन किए जा चुके हैं, जो कि मिशन में अभी तक के किसी एक माह में सर्वाधिक कनेक्शन हैं। 21 मार्च को एक दिन में अभी तक के सर्वाधिक 14,790 जल कनेक्शन किए गए। वित्तीय वर्ष 2022-23 में अभी तक 12 लाख 34 हजार 265 कनेक्शन हुए हैं।
37 लाख से ज्यादा ग्रामीण परिवारों तक नल से पहुंचा जल
प्रदेश में कुल 37 लाख 26 हजार ग्रामीण परिवारों तक नल के माध्यम से जल पहुंच गया है। मार्च, 2023 में पिछले एक सप्ताह का औसत 12 हजार 332 कनेक्शन प्रतिदिन, जबकि पिछले 22 दिन का औसत 9,269 एफएचटीसी प्रतिदिन है, जो कि इस माह के तय लक्ष्य 10 हजार कनेक्शन प्रतिदिन के काफी करीब है।
इससे पहले अप्रैल से जून, 2022 की तिमाही में औसत प्रतिदिन कनेक्शन 1807 हो रहे थे। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि विभाग ने जल कनेक्शन के लक्ष्यों की ओर उल्लेखनीय प्रगति की है।
जयपुर में किए गए एक लाख जल कनेक्शन
इस वित्तीय वर्ष के जल जीवन मिशन के तय लक्ष्यों को हासिल करने वाले टॉप 5 जिलों में झालावाड़ 69 प्रतिशत, भीलवाड़ा 62 प्रतिशत, चित्तौड़गढ़ 61 प्रतिशत, कोटा 60 एवं उदयपुर 60 प्रतिशत प्रगति कर चुके हैं। जयपुर जिले ने एक लाख जल कनेक्शन किए हैं, जो कि कुल लक्ष्य का 46 प्रतिशत है। प्रदेश में जल जीवन मिशन में सबसे निचले पायदान पर रहे जिलों ने भी मार्च माह में हर घर जल कनेक्शन में 25 फीसदी से अधिक की प्रगति दर्ज की है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल जीवन मिशन की निरंतर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सितम्बर 2022 से मार्च 2023 तक जेजेएम की तीन समीक्षा बैठकें कर चुके हैं। जलदाय मंत्री, मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव पीएचईड़ी एवं एमडी जेजेएम के स्तर पर भी लगातार मॉनिटरिंग एवं रिव्यू किया जा रहा है।
बता दें कि अपेक्षित प्रगति वाली परियोजनाओं में कॉन्ट्रेक्टर फर्म को समय पर भुगतान, कम प्रगति वाली फर्मों को गति बढ़ाने के निर्देश एवं कॉन्ट्रेक्टर फर्मों को परियोजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों को दूर करने के निरंतर प्रयासों से मिशन के तय लक्ष्यों की ओर प्रगति में सफलता मिली है।