Pushkar Fair: म्यूजिकल चेयर व मटका दौड़ प्रतियोगिता का देशी-विदेशी पर्यटकों ने उठाया लुत्फ
Pushkar Fair. पुष्कर मेले के दौरान देशी और विदेशी पर्यटकों ने म्यूजिकल चेयर व मटका दौड़ प्रतियोगिता का लुत्फ उठाया।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Pushkar Fair. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले के दौरान शनिवार को मटका दौड़ और म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मटका दौड़ प्रतियोगिता में देशी-विदेशी महिला पर्यटक कंधों पर मिट्टी के मटके रखकर दौड़ती नजर आईं। मटका दौड़ प्रतियोगिता का विदेशी महिला पर्यटकों ने आनंद उठाया। प्रतियोगिता में दौड़ते हुए दो विदेशी महिला पर्यटकों के मटकों से पानी बाहर निकलने लगा। इस प्रतियोगिता में कुल 18 महिलाओं ने हिस्सा लिया। इनमें छह विदेशी और बारह स्थानीय महिलाएं शामिल थीं।
इस प्रतियागिता में पहले स्थान पर अजमेर की रेखा और दूसरे स्थान पर कनाड़ा की हेल्दी रही। वहीं, म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता में 32 महिला देशी-विदेशी पर्यटकों ने हिस्सा लिया। इनमें 18 देशी और 14 विदेश महिला पर्यटक शामिल थीं। म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता में पहले स्थान पर फ्रांस की शकीरा और दूसरे स्थान पर इंग्लैंड की एलिसन जॉली रही। म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता के दौरान विदेशी पर्यटक तेज म्यूजिक की धुन पर नाचे भी।
साधु-संतों के साथ आम लोगों ने किया पुष्कर सरोवर में स्नान
मेले के कारण यहां शनिवार को श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण घाटों, मंदिरों, बाजारों में चहल-पहल रही। ग्रामीण महिलाओं ने मंगलगीत गाते हुए सरोवर में स्नान किया व मंदिरों में दर्शन किए। वहीं, सैलानियों के लिए अलग-अलग प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। कार्तिक मास की देवउठनी प्रबोधनी एकादशी स्नान के साथ पुष्कर का धार्मिक मेला शुक्रवार को शुरू हुआ है। पांच दिवसीय पंचतीर्थ स्नान के पहले दिन एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं व साधु-संतों ने सरोवर में डुबकी लगाई।
मेले का समापन 12 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाले महास्नान के साथ होगा। इन पांच दिनों में तैंतीस करोड़ देवी-देवता पुष्कर तीर्थ में ही विद्यमान रहते हैं तथा सरोवर में पंचतीर्थ स्नान करने मात्र से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। पंचतीर्थ स्नान के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। वहीं, विभिन्न समुदायों के साधु संतों ने यहां मठ, मंदिर व आश्रमों में अपने पड़ाव डाल लिए हैं। इसके अलावा नागा समाज व अन्य संप्रदायों के साधुओं ने सरोवर किनारे व धार्मिक स्थलों पर अपना डेरा जमा रखा है। साधु संत विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।