राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में पहले दिन ये विधेयक पेश किए गए
शोकाभिव्यक्ति बाद सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र शुक्रवार तक चलेगा ।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान की 14वीं विधानसभा का 11वां और अंतिम मानसून सत्र बुधवार से शुरू हुआ। इस साल के अंत में चुनाव होने के कारण विधानसभा का यह अंतिम सत्र है। सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही 45 मिनट चली। इस दौरान 15 विधेयक चर्चा के लिए पेश किए गए हैं। शोकाभिव्यक्ति बाद सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र शुक्रवार तक चलेगा ।
बेनीवाल ने सरकार को घेरने का प्रयास किया
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने सीएम की गौरव यात्रा में सरकारी धन के दुरुपयोग,किसानों की आत्महत्याओं सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर विरोध दर्ज कराते हुए बोलना शुरू किया,लेकिन अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने सदन के नियमों का हवाला देते हुए उन्हे बोलने की अनुमति नहीं दी ।
ये विधेयक पेश किए गए
राजस्थान लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त संशोधन अध्यादेश ,राजस्थान मूल्य परिवर्द्धित कर संशोधन अध्यादेश , राजस्थान स्टाम्प संशोधन अध्यादेश,जयपुर जल प्रदाय और मलवहन बोर्ड अध्यादेश ,जगद्गगुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय संशोधन अध्यादेश,राजस्थान पंचायतीराज संशोधन विधेयक,आयुर्वेद विवि.जोधपुर संशोधन विधेयक,विधानसभा अधिकारियों व सदस्यों की परिलब्धियां और पेंशन संशोधन विधेयक, वन संशोधन विधेयक,निजी विश्वविद्यालयों की विधियां संशोधन विधेयक, अपेक्स विश्वविद्यालय जयपुर विधेयक , श्याम विश्वविद्यालय, लालसोट विधेयक, श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय, पीलीबंगा विधेयक लॉर्ड्स विश्वविद्यालय चिकानी, विधेयक सदन में चर्चा के लिए पेश किए गए ।
वाजपेयी और 18 पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि दी गई
विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी, छत्तीसगढ़ के तत्कालीन राज्यपाल बलराम दास टंडन, हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल उर्मिला सिंह, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर एम करुणानिधि, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री आर के दौरेन्द्र सिंह, पूर्व लोकसभा सांसद कृष्णा कुमारी, पूर्व विधायक धर्मपाल चौधरी, पूर्व विधायक टीकम चंद, पूर्व विधायक राम कृष्ण वर्मा,पूर्व विधायक बनवारी लाल भिंडा, प्रेम सिंह दहिया, जगन सिंह, छीतर लाल, आर्य शंकर लाल, जाट हरि सिंह, रामचंद्र, लक्ष्मण प्रसाद पटेल के निधन पर शोकाभिव्यक्ति की गई। वहीं, केरल एवं देश के अन्य भागों में आई भयंकर बाढ़ के मृतकों के निधन पर शोकाभिव्यक्ति की गई।