राजस्थान में इस बार बेरूखी दिखा रहा मानसून, अब तक सिर्फ एक जिले में सामान्य से अधिक बारिश
राजस्थान के 33 जिलों में से सिर्फ एक जिला चूरू ऐसा है जहां सामान्य से अधिक बारिश हुई है वहीं 6 जिलों में सामान्य वर्षा हुई 26 जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है
जयपुर, राज्य ब्यूरो। हर दूसरे तीसरे वर्ष सूखे की मार झेलने वाला राजस्थान इस बार भी उसी राह पर बढ़ता दिख रहा है। राजस्थान में इस बार अब तक सामान्य से 30 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है। राजस्थान के 33 जिलों में से सिर्फ एक जिला चूरू ऐसा है जहां सामान्य से अधिक बारिश हुई है, वहीं छह जिलों में सामान्य वर्षा हुई, तथा 26 जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है।
मौसम विभाग अगस्त में स्थितियां सुधरने की उम्मीद बता रह है। बारिश कम होने से बांधों में भी पानी की आवक कम है। राजस्थान में बारिश का चक्र हर वर्ष एक जैसा नहीं रहता और हर दूसरे तीसरे वर्ष सूखे की स्थिति आ जाती है। पिछले वर्ष यहां जम कर बारिश हुई थी और सितम्बर के आखिर तक बारिश का सिलसिला चला था। वहीं इस बार स्थितियां बिल्कुल उलट है।
राजस्थान में 454 केंद्रों पर बारिश के आंकडे दर्ज किए जाते है। इस बार सिर्फ 35 स्थान ऐसे है जहां 20 प्रतिशत से अधिक बारिश यानी सामान्य से सामान्य से अधिक बारिश हुई है। वहीं 419 केंद्र ऐसे हैं जहां 20 प्रतिशत यानी सामान्य से कम बारिश हुई है। सम्भागवार स्थिति देखें तो सिर्फ बीकानेर सम्भाग में सामान्य बारिश हुई है। बाकी सभी सम्भागों में सामान्य से कम बारिश है। राजस्थान के दक्षिणी सम्भाग उदयपुर और कोटा में आमतौर पर बारिश से तर रहते है, लेकिन इस बार इनका सबसे खराब हाल है। उदयपुर सम्भाग में सामान्य से 28 और कोटा सम्भाग में सामान्य से 22 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
बांधों में पानी की आवक कम- बारिश नहीं होने के कारण बांधो में पानी की आवक भी काफी कम है। स्थिति यह है कि पिछली बार अच्छी बारिश के कारण इस बार मानसून की शुरूआत में 15 जून को राजस्थान के बांधो में 39.50 प्रतिशत पानी था जो अब अब बढ़ कर 40.92 प्रतिशत हुआ है। यानी पिछले करीब 45 दिन में सिर्फ डेढ़ प्रतिशत पानी बढ़ा है। कुल 742 बांधों में से 426 खाली है। वहीं 311 में आंशिक भरे हुए है और सिर्फ पांच पूरी तरह भरे हुए हैं।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि बारिश की स्थिति में सुधार नहीं आया तो आने वाले वर्ष में फिर से पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा । वहीं मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले एक सप्ताह में बारिश की स्थितियों में सुधार की उम्मीद है।