Rajasthan: मोक्ष स्पेशल बस यात्रा अब नियमित तौर पर जारी रहेगी
Rajasthan अब जरूरतमंद लोग अपने दिवंगत परिजनों की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित करने के लिए रोडवेज की स्पेशल बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगे। मृतक के परिवार के दो सदस्यों को अस्थि कलश के साथ हरिद्वार आने-जाने के लिए रोडवेज की बसों से मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: कोरोना महामारी के कारण चार माह पूर्व मृतकों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने के लिए शुरू की गई मोक्ष स्पेशल बस यात्रा अब नियमित तौर पर जारी रहेगी। 'मोक्ष कलश योजना-2020' को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रशासनिक मंजूरी दे दी है। इस योजना में नोडल एजेंसी राज्य पथ परिवहन निगम है। योजना के तहत पूरे खर्च के भुगतान की व्यवस्था देवस्थान विभाग करेगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद अब जरूरतमंद लोग अपने दिवंगत परिजनों की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित करने के लिए रोडवेज की स्पेशल बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगे। इस योजना के तहत मृतक के परिवार के दो सदस्यों को अस्थि कलश के साथ हरिद्वार आने-जाने के लिए रोडवेज की बसों से मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई है।
यात्रियों का ऑनलाइन पंजीकरण, उन्हें गंतव्य स्थल तक लाने-ले जाने की व्यवस्था और यात्रा के दौरान दी जाने वाली सुविधा से संबंधित काम राज्य पथ परिवहन निगम करेगा। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार इसका लाभ आयकरदाता और सरकारी कर्मचारियों को छोड़कर अन्य सभी ले सकेंगे। पंजीयन के समय मृत व्यक्ति के बारे में पूरा विवरण देना होगा। इनसे संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां अस्थि कलश लेकर जाने वालों को अपने साथ रखनी होंगी। एक बस में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए अधिकतम 46 यात्री बैठ सकेंगे। हरिद्वार में अस्थि विसर्जन व पूजा से जुड़े कार्य अस्थि कलश लेकर जाने वालों को स्वयं करना होगा।
इधर, राजस्थान में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ऑक्सीजन की कमी महसूस होने लगी है। बढ़ते कोरोना पीड़ितों के बीच प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की बढ़ी मांग के कारण इंडस्ट्रीज में सप्लाई बंद हो गई है। सप्लाई बंद होने के कारण करीब 15 हजार इंडस्ट्रीज में उत्पादन लगभग ठप हो गया। ऑक्सीजन प्रोडक्ट करने वाली कंपनियां 90 फीसद गैस सिलेंडर अस्पतालों में ही सप्लाई कर रही है शेष 10 फीसदी इंडस्ट्रीज को दिया जा रहा है। इंडस्ट्रीज में मांग के मुकाबले काफी कम सप्लाई होने के कारण कंपनियां मनमाने दाम वसूल रही है।