गंगा-जमुना संस्कृति के अग्रदूत हैं मोहम्मद रईस, रामलीला में निभाते भगवान राम, भरत और हिन्दू देवताओं के चरित्र
गंगा-जमुना संस्कृति के अग्रदूत हैं मोहम्मद रईस रामलीला में निभाते भगवान राम भरत और हिन्दू देवताओं के चरित्र देश-विदेश में रामलीला कर चुके हैं
उदयपुर, सुभाष शर्मा। हमारे देश की गंगा-जमुना संस्कृति विश्व प्रसिद्ध हैं। यहां हर धर्म के लोग एक-दूसरे के धर्म का पूरा आदर ही नहीं करते बल्कि एक-दूसरे की धार्मिक रीति-नीतियों में भी रच-बस जाते हैं। ऐसे ही एक किरदार हैं- मोहम्मद रईस। जो गंगा-जमुना संस्कृति के अग्रदूत हैं। एक दशक से अधिक समय से वह रामलीला में भगवान राम सहित विभिन्न देवताओं के चरित्र निभाते आ रहे हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी तथा उदयपुर से आसाम तक ही नहीं, बल्कि विदेश में आयोजित रामलीला में वह यही किरदार निभाते आ रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने अयोध्या में आयोजित रामलीला में भगवान राम का रोल निभाया और अब उदयपुर में आयोजित तीन दिवसीय रामलीला में भरत का किरदार निभा रहे हैं।
उदयपुर में आयोजित तीन दिवसीय रामलीला कार्यक्रम में भाग लेने दिल्ली से आए कलाकार मोहम्मद रईस से मुलाकात हुई और उनसे बातचीत में पता चला कि वह एक दशक से दिल्ली की संस्था कार्तिकेय सांस्कृतिक संस्था के साथ शौकियाना काम करते रहे। जहां पांच दर्जन से अधिक कलाकार देश भर में विभिन्न सांस्कृतिक, धार्मिक एवं अन्य कार्यक्रमों के लिए जाते रहते हैं। जिसमें रामलीलाल, अग्रसेन लीला की मांग सर्वाधिक रहती है। वह मुस्लिम परिवार से होते हुए भी रामलीला में हमेशा से अहम किरदार निभाते आए हैं। जिनमें भगवान राम, भरत प्रमुख हैं।
मोहम्मद रईस कहते हैं कि इससे युवाओं में अपने धर्म और किरदारों के प्रति जानने का अवसर मिलता है। अब युवा धार्मिक ज्ञान से परे होते जा रहे हैं और टीवी तथा फिल्मों के जरिए वह असल कहानी एवं चरित्र के बारे में नहीं जान पाते। रामलीला एवं अन्य धार्मिक लीलाओं के जरिए उन्हें असल कहानी का पता चलता है। वह कहते हैं कि हम जिन्हें पूजते हैं उनके बारे में जानना बहुत जरूरी है। मुस्लिम होने के बावजूद कभी भी उनके परिजनों एवं समाज के लोगों ने उन्हें इस तरह के किरदार निभाने से नहीं रोका, बल्कि उसे प्रोत्साहित ही किया।
उन्होंने कहा कि थियेटर कलाकारों के लिए काम की कमी नहीं। उनके ग्रुप में जुड़े ज्यादातर कलाकार सरकारी सेवाओं के साथ खुद का बिजनेस कर रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें काम की कमी नहीं। कई बार तो महीने में बीस-बीस दिन काम मिल जाता है। भले ही वह उदयपुर पहली बार आए हैं लेकिन जयपुर अकसर आते रहते हैं।
अयोध्या में भगवान राम का रोल और रामलला के दर्शन मोहम्मद रईस बताते हैं कि रामजन्मभूमि के निर्णय से पहले अयोध्या में आयोजित रामलीला में उन्होंने भगवान राम का अहम किरदार निभाया। अयोध्या में रहते हुए वह हर रोज रामलला के दर्शन करने जाते थे। इसके लिए उनके ग्रुप को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुरक्षा मिली हुई थी लेकिन वह बिना सुरक्षा या सादा वर्दी में होने पर ही सुरक्षाकर्मियों के साथ रामलला के दर्शन करने पहुंचे।