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Modified Lockdown: राजस्थान के सरकारी दफ्तरों में लौटी रौनक, लेकिन फैक्ट्रियों में नहीं हुआ काम

Coronavirus. सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों की फैक्ट्रियों ईंट-भट्टों माइंस को चालू करने के निर्देश तो दिए लेकिन कठोर गाइडलाइन के चलते अधिकांश फैक्ट्रिंयों में काम नहीं हुआ।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 20 Apr 2020 05:13 PM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2020 05:13 PM (IST)
Modified Lockdown: राजस्थान के सरकारी दफ्तरों में लौटी रौनक, लेकिन फैक्ट्रियों में नहीं हुआ काम
Modified Lockdown: राजस्थान के सरकारी दफ्तरों में लौटी रौनक, लेकिन फैक्ट्रियों में नहीं हुआ काम

जागरण संवाददाता, जयपुर। Coronavirus. राजस्थान में सोमवार से मॉडिफाइड लॉकडाउन शुरू हो गया। जयपुर स्थित शासन सचिवालय सहित प्रमुख विभागों में थोड़ी बहुत चहल-पहल नजर आई। जिलों में सरकारी कार्यालय भी खुले। हालांकि सरकार के निर्देशों के अनुसार, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, उप सचिव व विभागाध्यक्ष स्तर के अधिकारियों के साथ ही आवश्यक सेवाओं से जुड़े अधिकारी ही दफ्तार आए। मंत्रालयिक कर्मचारियों को तीन मई तक दफ्तर नहीं आने की छूट दी गई है। सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों की फैक्ट्रियों, ईंट-भट्टों, माइंस को चालू करने के निर्देश तो दिए, लेकिन कठोर गाइडलाइन के चलते अधिकांश फैक्ट्रिंयों में काम नहीं हुआ। सरकार ने निर्माण कार्य कराने की छूट दी तो मजदूर भी एकत्रित हुए, लेकिन कोई ठेकेदार या भवन निर्माता उन्हे लेंने ही नहीं आया।

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औद्योगिक संगठनों का कहना है कि नब्बे फीसद फैक्ट्रियां चालू नहीं होने का एक कारण तो सरकार यह शर्त है कि फैक्ट्री मालिक या भवन निर्माता को मजदूरों को अपने यहीं रखना होगा, उन्हें खाने-पीने का प्रबंध करना होगा। यदि सरकार मजदूरों को अपने ठिकानों पर जाने की अनुमति देती है तो अधिक फैक्ट्रियों में उत्पादन शुरू हो सकेगा। दूसरा कारण यह है कि प्रदेश के और आसपास के राज्यों के कई मजदूर या तो अपने घर चले गए या फिर कोरोना संक्रमण के भय के कारण काम पर नहीं आना चाहते हैं। नेशनल हाइवे के टोल टैक्स तो शुरू हो गए, लेकिन राज्य सरकार ने अपने टोल टैक्स फिलहाल शुरू नहीं किए हैं। ट्रांसपोर्ट कंपनियों से जुड़े ट्रकों की आवाजाही भी प्रारंभ हो गई। हाइवे किनारे के ढाबे भी खुले 

उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के नियम पहले की तरह ही लागू हैं। रियायात केवल आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के लिए दी गई है। गहलोत ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि आज से हम मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू कर रहे हैं। लोगों से मेरी अपील है कि वे घरों में ही रहें। नागरिकों के लिए लॉकडाउन के नियम पहले की तरह ही लागू हैं। प्रतिबंधों को कम करने का निर्णय सीमित और चरणबद्ध तरीके से आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए लिया गया है। राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि यदि लोगों ने मॉडिफाइड लॉकडाउन का सही ढंग से पालन नहीं किया तो इसे वापस भी लिया जा सकता है।

कोर्ट नहीं खुले

प्रदेश में सोमवार से कोर्ट नहीं खुले। हाईकोर्ट प्रशासन ने पूर्व में जारी किया गया आदेश वापस ले लिया है। इस आदेश में सुबह 10 से शाम पांच बजे तक कोर्ट खोलने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट प्रशासन ने अब संशोधित आदेश जारी किया है। फिलहाल, कुछ ही कोर्ट अर्जेंट मामलों की सुनवाई वॉट्सएप कॉलिंग पर करेगी। हाईकोर्ट में सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक वीसी के जरिए सुनवाई हो रही है।

पास के आधार पर इन कार्यों में शामिल लोगों को छूट दी गई

किराना स्टोर, फल-सब्जी, दूध, अंडे, चिकन, कृषि, पशु आहार, मुर्गीदाना बेचने संबंधित सामान, कृषि संबंधी सामान (बीज व खाद) विक्रेता, कृषि उपकरण व मरम्मत की दुकानें, राजमार्गों व अन्य स्थानों पर टायर पंचर और रिपेयरिंग की दुकानें, स्पेयर पार्ट की दुकानों, रेस्टोरेंट और होटलों को सिर्फ होम डिलिवरी की सुविधा रहेगी। इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, कारपेंटर, मोची, ट्रांसपोर्ट धोबी को भी अनुमति दी गई है। ईंट-भट्‌टा, कोल्ड स्टोरेज और भंडार गृह, गौशाला, चारा उत्पादन इकाइयों को भी अनुमति दी गई है।

माल लोडिंग का काम करने वाले सभी तरह के वाहनों को अनुमति दी गई। सरकार ने स्पष्ट आदेश दिया है कि सभी कार्यालयों में कर्मचारियों के तापमान की जांच और सैनेटाइजेशन की व्यवस्था अनिवार्य की गई है। साथ ही, कर्मचारियों के भोजन के लिए अंतराल से व्यवस्था करनी होगी। यानी एक टाइम पर सभी का लंच टाइम नहीं होगा। सभी स्थानों पर मास्क का प्रयोग किया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग भी अनिवार्य है। बिना मास्क के ग्राहकों को सामान भी नहीं दिया गया। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि अंतिम संस्कार में 20 से अधिक लोग शामिल नहीं हो। 

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