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Mob Lynching: राजस्थान में उन्मादी हिंसा हुई तो दोषियों को होगा आजीवन कारावास

Mob Lynching. राजस्थान में अब मॉब लिंचिंग की घटना में पीड़ित की मौत पर दोषियों को आजीवन कारावास और पांच लाख रुपये तक का जुर्माने की सजा भुगतनी होगी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 05 Aug 2019 06:56 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 12:16 PM (IST)
Mob Lynching: राजस्थान में उन्मादी हिंसा हुई तो दोषियों को होगा आजीवन कारावास
Mob Lynching: राजस्थान में उन्मादी हिंसा हुई तो दोषियों को होगा आजीवन कारावास

जागरण संवाददाता, जयपुर। मणिपुर के बाद राजस्थान उन्मादी भीड़ की हिंसा (मॉब लिंचिंग) को लेकर कानून बनाने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है। राजस्थान में अब उन्मादी हिंसा की घटना में पीड़ित की मौत पर दोषियों को आजीवन कारावास और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा भुगतनी होगी। पीड़ित के गंभीर रूप से घायल होने पर 10 साल तक की सजा और 50 हजार से 3 लाख रुपये तक का जुर्माना दोषियों को भुगतना होगा।

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उन्मादी हिंसा में किसी भी रूप से सहायता करने वाले को भी वही सजा मिलेगी जो, हिंसा करने वाले को मिलेगी। राज्य में बढ़ती उन्मादी हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने सोमवार को विधानसभा में 'राजस्थान लिंचिंग संरक्षण विधेयक-2019' में पेश किया, जो पारित हो गया। भाजपा ने इस विधेयक का विरोध किया। विधेयक में उन्मादी हिंसा को गैर जमानती, संज्ञेय अपराध बनाया गया है। उन्मादी हिंसा की घटना के वीडियो, फोटो किसी भी रूप में प्रकाशित या प्रसारित करने पर भी एक से तीन साल तक की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना देय होगा। विधेयक में प्रावधान किया गया है कि दो व्यक्ति भी अगर किसी को मिलकर पीटते हैं तो उसे उन्मादी हिंसा माना जाएगा।

ये आएगा उन्मादी हिंसा के दायरे में
विधेयक में धर्म, जाति, भाषा, राजनीतिक विचारधारा, समुदाय और जन्म स्थान के नाम पर भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा को उन्मादी हिंसा माना गया है। इसमें दो या दो से ज्यादा व्यक्ति को उन्मादी हिंसा की परिभाषा में शामिल किया गया है। इंस्पेक्टर रैंक का अफसर ही इससे जुड़े मामलों की जांच करेगा। इस तरह के मामलों की प्रदेश स्तर पर पुलिस महानरीक्षिक रैंक व जिलों में उप अधीक्षक रैंक के अधिकारी निगरानी करेंगे। इस तरह के मामलों की सुनवाई के लिए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सलाह से विशेष न्यायाधीश की नियुक्ति की जाएगी।

विधेयक में प्रावधान किया है कि पीड़ित को राजस्थान विक्टिम कंपनसेशन स्कीम के तहत सहायता दी जाएगी और दोषियों से जो जुर्माना वसूला जाएगा, उसे पीड़ित को दिया जाएगा। विधेयक पर हुई चर्चा में विधायकों द्वारा जताई गई आशंकाओं का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की पालना में उन्मादी हिंसा कानून बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में 2014 से उन्मादी हिंसा के 200 से अधिक मामले सामने आए हैं, इनमें से 86 प्रतिशत राजस्थान के हैं। देश में शांत प्रदेश माना जाने वाला राजस्थान उन्मादी हिंसा स्टेट के रूप में पहचाने जाने लगा

प्रेमी जोड़ों को मारने पर आजीवन कारावास की सजा
राजस्थान विधानसभा में सोमवार को ऑनर कि¨लग के खिलाफ विधेयक पारित हो गया। विधेयक में प्रावधान किया गया है कि प्रेमी जोड़ों को मारने पर दोषियों को आजीवन कारावास की सजा मिलेगी। विधेयक में खाप पंचायत को गैर कानूनी घोषित करने के साथ ही इसमें शामिल होने वाले लोगों को पांच साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। प्रेमी जोड़ों को विवाह करने के बाद परेशान करने वालों के लिए भी सजा का प्रावधान किया गया है।

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